script

जगह नहीं मिली तो लैप्स हो गए डेढ़ करोड़ रुपए

locationदौसाPublished: Jul 15, 2019 11:32:19 am

Submitted by:

Rajendra Jain

बांदीकुई राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का मामला
 

If the place was not found, the lapsed one and a half million rupees

जगह नहीं मिली तो लैप्स हो गए डेढ़ करोड़ रुपए

बांदीकुई ग्रामीण.

एक ओर सरकार चिकित्सा सुविधा मुहैया कराए जाने का ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जगह उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण करीब डेढ़ करोड़ रुपए का बजट लैप्स हो गया। जबकि यह चिकित्सालय आउटडोर के हिसाब से जिले का दूसरा बड़ा चिकित्सालय है।
राज्य सरकार की ओर से 21 सितम्बर 2015 को कर्मचारी व चिकित्सकों के आवासों का निर्माण कराए जाने के लिए डेढ़ करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे, लेकिन चिकित्सालय में जगह नहीं मिल पाई। ऐसे में चिकित्सालय प्रशासन की ओर से दर्जनों बार उपखण्ड अधिकारी, बसवा तहसीलदार एवं नगरपालिका प्रशासन को पत्र लिखकर भूमि आवंटन किए जाने की मांग कर चुके हैं।
इसके बाद 30 दिसम्बर 2018 एवं 20 जून 2019 को अंतिम पत्र लिखकर हुई कार्रवाई से अवगत कराए जाने के लिए कहा, लेकिन अभी तक भूमि आवंटन नहीं किए जाने के कारण यह बजट लैप्स हो गया। ऐसे में अब राजकीय चिकित्सालय में विकास की गति थमती दिखाई दे रही है। इसके चलते अब मरीजों की सुविधाओं में इजाफा किया जाना मुश्किल होता दिखाई दे रहा है।
संविदाकर्मियों पर छाया रोजगार का संकट
राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय में संविदा पर कार्यरत 15 कर्मचारी के रोजगार पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। राजकीय चिकित्सालय की मेडिकल रिलीफ सोसायटी घाटे में चल रही है। सूत्रों के मुताबिक चिकित्सालय की प्रतिमाह की आय करीब 1 लाख रुपए हैं। जबकि इन कर्मचारियों के भुगतान का करीब 1.39 लाख रुपए प्रतिमाह भुगतान सर्विसमैन वेलफेयर कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी को दिया जा रहा है। इसके चलते प्रतिमाह करीब 40 हजार रुपए मेडिकल रिलीफ सोसायटी घाटे में चल रही है और यह घाटा लगातार बढऩे से अब सोसायटी करीब 3 से 5 लाख रुपए घाटे में है। ऐसे में अब चिकित्सालय प्रशासन इन कर्मचारियों को हटाने की तैयारी कर सकता है।
इससे इन कार्मिकों के बेरोजगार होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। कार्मिकों को भी बेरोजगार होने का डर सताए
हुए हैं।
चिकित्साकर्मियों की संख्या में नगण्य हैं आवास
चिकित्सालय सूत्रों के मुताबिक राजकीय चिकित्सालय में 11 चिकित्सक कार्यरत हैं। इसके अलावा 17 नर्सिंग स्टॉफ एवं रेडियोग्राफर, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, स्वीपर सहित करीब 50 कर्मचारियों का स्टाफ है, लेकिन यहां मात्र 7 आवास हैं। इनमें दो चिकित्सकों, 4 नर्सिंग स्टॉफ व एक वार्ड ब्वॉय रह रहे हैं। आवास पर्याप्त नहीं होने के कारण चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ को किराए पर मकान लेकर रहना पड़ता है या फिर अपडाउन करके काम चलाना पड़ रहा है। हालांकि डेढ़ करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत होने पर चिकित्साकर्मियों को कुछ उम्मीद जगी थी, लेकिन यह राशि लैप्स हो जाने पर अरमानों पर पानी फिर गया।

जमीन नहीं मिलने से अन्यत्र भेज दी राशि
राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय में जगह की कमी थी। श्यालवास में भूमि आवंटन होनी थी, लेकिन आवंटन की कार्रवाई अटक जाने के कारण यह राशि अन्यत्र स्थानान्तरित कर दी गई है। लैप्स होने जैसी कोई बात नहीं है। अब भूमि आवंटन होने के बाद नए सिरे से कार्रवाई की जाएगी।
डॉ.आरपी मीणा, ब्लॉक सीएमएचओ बांदीकुई
मामले की कराएंगे जांच
मेडिकल रिलीफ सोसायटी की राजस्व आय तो बढ़ी है, लेकिन घाटे में कैसे चल रही है। इस मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
गोविंदसहाय बैरवा, प्रभारी, राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय बांदीकुई

ट्रेंडिंग वीडियो