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जैनाचार्य विवेकसागर का 32 दिन का पारणा महोत्सव : तप के आगे झुके शीश

locationदौसाPublished: Sep 16, 2019 07:26:09 pm

Submitted by:

Mahesh Jain

विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी व उद्योग मंत्री ने लालसोट पहुंच किया नमन, कहा मन की शुद्धि आवश्यक, कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, दौसा किले में भगवान महावीर की जय-जयकार

जैनाचार्य विवेकसागर का 32 दिन का पारणा महोत्सव : तप के आगे झुके शीश

जैनाचार्य विवेकसागर का 32 दिन का पारणा महोत्सव : तप के आगे झुके शीश

दौसा. लालसोट. Jainacharya Vivekasagar’s 32-day Parana Festival: Shisha bowed down in austerityपावन वर्षा योग समिति के तत्वावधान में सोमवार जैनाचार्य विवेक सागर का सोलह कारण महापर्व के 32 उपवास पूर्ण होने पर पारणा महोत्सव जैन नसियां परिसर में हुआ। इसमें श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी. जोशी ने कहा कि मन की शुद्धि सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसलिए सुखी जीवन व्यतीत करने के लिए व्यक्तिअपने जीवन में मन शुद्धि के लिए उपवास, तपस्या, सिद्धि आदि कार्य करता है। मन शुद्धि के लिए सकारात्मक सोच के साथ काम करना चाहिए। उपवास से व्यक्ति का मन व शरीर स्वस्थ रहता है। उन्होंने कहा जैनाचार्य के 32 दिवस के उपवास सम्पूर्ण प्रदेश व देश की खुशहाली के लिए कारगार साबित होंगे। विशिष्ट अतिथि उद्योग मंत्री परसादीलाल मीना ने कहा आचार्य द्वारा किए गए उपवास व त्याग से क्षेत्र की जनता को भी लाभ मिलेगा। आचार्य विवेकसागर ने कहा कि मनुष्य की पहचान बुद्धि से है। जीवन एक कत्र्तव्य है। यदि व्यक्ति को उसके दायित्वों का ज्ञान हो जाए तो वह चाहे जिसकी प्राप्ति कर सकता है। आज के युग में अपनी संस्कृति को बचाया रखना जरूरी है।

संस्कृति से ही व्यक्ति, प्रदेश व देश की पहचान होती है। ब्रह्मचारिणी सरिता ने कहा गुरु के समान कोई दूसरा नहीं हो सकता है। समिति के संयोजक अनिल बैनाड़ा ने पारणा महोत्सव की जानकारी दी। अध्यक्ष सुभाषचन्द बडज़ात्या, संरक्षक प्रकाश पाटनी, महामंत्री अजीत कुमार बडज़ात्या, कोषाध्यक्ष शिखरचन्द बडज़ात्या ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस सचिव कमल मीना, महेश पारीक, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष जगदीशप्रसाद राडा, रामबिलास शर्मा, नगर कांग्रेस अध्यक्ष राजेन्द्र पांखला, पूर्व पालिकाध्यक्ष दिनेश मिश्र, अशोक उपाध्याय, उपखण्ड अधिकारी सुनील आर्य, पुलिस उपअधीक्षक मनराज मीना आदि मौजूद थे। अन्नू बडज़ात्या ने स्वागत गीत एवं माही गंगवाल ने गीत व नृत्य प्रस्तुत किया। संचालन अतुल बैनाड़ा ने किया। इससे पूर्व समाज के लोगों ने आचार्य का पाद प्रक्षालन, शास्त्र भेंट, विनयांजलि एवं आचार्य पूजा का कार्यक्रम संगीतमय विधि विधान से किया। इसके पश्चात चौका लगाकर आचार्य विवेक सागर का पारणा कराया गया।
दौसा किले में भगवान महावीर की जय-जयकार
दौसा. किलासागर स्थित जैन नसियां लाल मंदिर में सोमवार को जैन समाज दौसा ने सामूहिक क्षमावणी पर्व मनाया। इस दौरान सम्मान समारोह आयोजित कर पर्युषण पर्व का समापन भी हुआ। कार्यक्रम में झाझीरामपुरा अध्यक्ष बाबूलाल छाबड़ा ने कहा कि अगर व्यक्ति अपने आप में क्षमा भाव रखें तो सारे विश्व में शांति हो सकती है। हमें वर्ष भर हुई गलतियों के लिए एक-दूसरे से क्षमा याचना करनी चाहिए। क्षमा भाव वीरों का आभूषण माना जाता है।
जैन समाज के प्रवक्ता संजय जैन ने बताया कि दोपहर 1 बजे चन्द्रप्रभु जैन मंदिर से भगवान महावीर की मूर्ति लाकर किलासागर स्थित मंदिर में विराजमान की गई। इसके बाद वेदी शुद्धिकरण, अभिषेक, पूजन, कलषाभिषेक आदि हुए। भगवान महावीर के जयकारों से किला परिसर गुंजायमान हो गया। श्रीजी की माला लेने का सौभाग्य राजकुमार, कमल कुमार बांदीकुई वाले परिवार को मिला। कार्यक्रम में सभी ने एक-दूसरे से क्षमा याचना की। राजा बाबू जैन एडवोकेट की तरफ से प्रतिभाओं को पारितोषिक एवं जैन समाज द्वारा कक्षा 10 एवं कक्षा 12 में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले बच्चों को प्रशस्ति पत्र दिए गए।
इस अवसर पर कैलाश चांदवाड़, राकेश नीमला, मनीष बांदीकुई, नितेश, आलोक जैन, विपिन जैन, गौरव जैन, विक्की, अविचल, ललित जैन, अशोक खवा, मंत्री प्रवीण नेताला, विधि सेठी जैन, रूपा, सुमन, कविता, डिंपल नीमला, मोनिका, पंडित अध्यात्म प्रकाश आदि आदि मौजूद थे।

चोरी के भय से नहीं रखते मूर्ति
पूर्व में तीन-चार बार मूर्ति चोरी होने के कारण किलासागर स्थित मंदिर में प्रतिमा नहीं रखी जाती। वार्षिक कार्यक्रम के दौरान मूर्ति सिर पर रखकर लाने की परम्परा चली आ रही है। समाज अध्यक्ष महावीर जैन के अनुसार वर्ष 1706 में जयपुर के राजा ने दीवान अमरचंद जैन को दौसा के किले में नजरबंद किया था। दीवान जिनेन्द्र भगवान के दर्शन किए बिना अन्न, जल ग्रहण नहीं करते थे। तब राजा ने किले परिसर में ही मंदिर का निर्माण कराया था।
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