सुबह सैंथल मोड़ स्थित दुर्गा मंदिर पर आचार्य गिर्राजप्रसाद नाभावाला ने विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ ध्वज पूजन कराया। इसके बाद कलश यात्रा गाजे-बाजे के साथ रवाना हुई। विभिन्न मार्र्गों से होते हुए यात्रा मोड़ा रायपुर बालाजी मंदिर पहुंची। यात्रा में 1501 कलश सिर पर लेकर महिलाएं मौजूद रही। इसके अलावा सैकड़ों श्रद्धालु ध्वज लेकर नाचते-गाते आगे बढ़ते रहे। मंदिर पहुंचकर श्रद्धालुओं ने फूलबंगला झांकी के दर्शन किए तथा पंगत प्रसादी ग्रहण की। मंदिर के एकतरफ के पांडाल में श्रीराम महायज्ञ की शुरुआत हुई।
दोपहर 1 से देर शाम तक संत प्रकाश दास के सान्निध्य में भजन संध्या का आयोजन हुआ। इसमे एक से एक बढ़कर भजनों की प्रस्तुति दी, जिन पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। इस दौरान बालाजी, रामदरबार, शिव पंचायत की आकर्षक झांकी सजाई गई।
संत अमरीष दास त्यागी के शिष्य बलरामदास त्यागी ने बताया कि सोमवार को 151 कुण्डीय राम महायज्ञ होगा। महाशिवरात्रि पर एक मार्च को सुबह 11.15 बजे पूर्णाहुत के बाद अमरेश्वरम् महादेव का रुद्रयज्ञाभिषेक किया जाएगा। महाआरती के बाद दोपहर 1.15 बजे से भंडारे में पंगत प्रसादी का आयोजन होगा।
'सत्संग सुनकर मिलती है शांति' दौसा. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में मोमबत्ती जलाकर व केक काटकर शिव जयंती मनाई गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि नगर परिषद सभापति ममता चौधरी ने कहा कि सत्संग सुनकर मन को शांति व जीवन जीने की कला मिलती है। संत देवदास कलापहाड़ी ने कहा कि मनुष्य को शुद्ध व पवित्र रहना चाहिए। महेश्वरा सरपंच मधु शर्मा व ललिता खण्डेलवाल ने शिव और शंकर के बारे में बताया। ब्रह्माकुमारी संचालिका दौसा शीतल दीदी ने कहा कि भगवान को हमेशा याद करें। शिवध्वज रोहण कर प्रतिज्ञा कराई गई। सुनीता बहन ने मंच संचालन किया। इस दौरान शालिनी, निर्मल, राजेश, राकेश, सीताराम, पुनीत, रोहित, राहुल आदि थे।