रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता मेंं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामफल मीना ने बताया कि अभियान के प्रथम सप्ताह में सभी निजी एवं सरकारी विद्यालयों, मदरसों एवं शिक्षण संस्थानों में टीकाकरण किया जाएगा। जिले में 2 हजार 452 संस्थाओं में विद्यार्थियों के टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए 297 टीमों का गठन किया गया है।
इस मौके पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुभाष बिलोनिया, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम गौरव गुप्ता, डॉ. हरिमोहन गुपता, डॉ. संतोष वाष्र्णेय, डॉ. एसएन खण्डेलवाल, डॉ. रविन्द्र शर्मा, रोटरी क्लब अध्यक्ष नवल खण्डेलवाल, सचिव राजेन्द्र खण्डेलवाल, कोषाध्यक्ष पवन सोनी, उपाध्यक्ष शिवशंकर सोनी, संजय जैन, विनोद गौड़ एवं हितेश शाहरा आदि ने बालकों के टीके लगाने का आह्वान किया।
रूबेला बीमारी का टीका ही बचाव का उपाय
खसरा एक संक्रामक एवं जानलेवा बीमारी है। जो बच्चों में अपंगता एवं मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। वहीं जन्मजात रूबेला सिंड्रोम के कारण ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, सुनने की शक्ति कम होना, माइक्रोसिफ्ली, मानसिक विकास में अवरोध एवं हृदय को प्रभावित कर सकती है। रूबेला का कोई निश्चित उपचार नहीं है। इससे बचाव के लिए टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है। (ग्रामीण)