सुदामा भगवान का भक्त होने के बाद भी गरीबी में जीवन बिताया। पवन ने सुदामा व कृष्ण का तन्मय कुमार एवं शुभम ने रुकमणी की सजीव झांकी की प्रस्तुति दी। जहां दोस्ती के मार्मिक प्रसंग को सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। कैलाशचंद कुण्डल, कैलाश गौड़, उत्तम, आदर्श, रामचरण, दिनेश, गेंदालाल, जगन्नाथ एवं मनोहरलाल भी मौजूद थे।
इसी प्रकार बाढ़ बिशनपुरा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भी कृष्ण-सुदाम प्रसंग सुनाया। जहां भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा के पैर धोए। सजीव झांकी सजाई गई। इसी प्रकार दत्ताखरे ने 24 गुरू बनाए, सुखदेव विदाई एवं राजा परीक्षित की मरण की कथा सुनाई। कथावाचक पं.श्यामपाल मिश्रा ने कहा कि सच्चा मित्र वहीं होता है जो कि विपरीत परिस्थितियों में साथ दे। इस दौरान भजनों पर श्रद्धालु भाव विभोर होकर नाचे। (नि.स.)
इसी प्रकार बाढ़ बिशनपुरा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भी कृष्ण-सुदाम प्रसंग सुनाया। जहां भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा के पैर धोए। सजीव झांकी सजाई गई। इसी प्रकार दत्ताखरे ने 24 गुरू बनाए, सुखदेव विदाई एवं राजा परीक्षित की मरण की कथा सुनाई। कथावाचक पं.श्यामपाल मिश्रा ने कहा कि सच्चा मित्र वहीं होता है जो कि विपरीत परिस्थितियों में साथ दे। इस दौरान भजनों पर श्रद्धालु भाव विभोर होकर नाचे। (नि.स.)
गुढ़लिया-अरनिया. ग्राम पंचायत गादरवाड़ा गूजरान के ढोलका गांव में चल रही भागवत कथा में बुधवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इसमें भगवान श्रीकृष्ण व वासुदेव की सजीव झांकी सजाई गई। इसमें श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर मिठाइयां वितरित की। महिलाओं ने बधाई गीत गाए और भजनों पर भाव विभोर होकर नाची। कथा में हाथी-घोड़ा पालकी-जय कन्हैयालाल की एवं नंद के आनंद भयो भजनों से समूचा वातावरण भक्तिमय हो गया।
कथावाचक पं. मुरारीलाल द्वारापुरा ने कहा कि जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है तो भगवान स्वयं मानव के रूप में अवतरित होता है। उन्होंने भागवत कथा में भगवान परशुराम, राम जन्मोत्सव, कृष्ण की बाल लीला, माखन चोरी एवं कालीदह से जुड़ा प्रसंग सुनाया। इस मौके पर कांग्रेस जिला महासचिव शेषावतार शर्मा, गुढ़लिया सरपंच सोनिका शर्मा, दीनदयाल पुजारी, मन्नालाल शर्मा, रामजीलाल शर्मा, महेन्द्र कुमार, अशोक कुमार, लोकेश शर्मा, राजाराम गुर्जर, गंगाबिशन गुर्जर एवं अमरसिंह गुर्जर ने भी भागवत कथा में शिरकत की।