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चिकित्सालय बना मरीजों के शोषण का अड्डा

locationदौसाPublished: Jun 01, 2019 08:55:47 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

निजी लेब संचालकों व चिकित्सकों में साठगांठ

lalsot hospital

चिकित्सालय बना मरीजों के शोषण का अड्डा

लालसोट. भले ही चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व जनप्रतिनिधि सरकारी चिकित्सालयों में नि:शुल्क दवा, इलाज व जांच के दावे करते हो, लेकिन विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से लालसोट उपखण्ड मुख्यालय का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरीजों के शोषण का अड्डा बन गया है। यहां चिकित्सकों द्वारा चिकित्सालय में होने वाली नि:शुल्क जांच के लिए भी मरीजों को निजी लैब पर भेजा जा रहा है। यह पूरा खेल काफी लंबे समय से चल रहा है और विभाग के अधिकारियों द्वारा एक बार भी ठोस कार्रवाईनहीं करने से निजी लेब संचालकों की मिलीभगत से गरीब मरीजों की जेब ढीली करने वाले चिकित्सकों के हौसले बुलंद हो रहे है।
आलम यह है कि निजी लेब संचालक व उनके लपके आउटडोर के दौरान चिकित्सकों के कक्ष में मौजूद रहते है और वही से सीधे मरीजों के सेंपल भी लेकर जांच के लिए निजी लेब पर पहुंचाए जा रहे हैं। मरीजों के शोषण के खुले खेल को देख कर गत दिनों चिकित्सालय प्रशासन ने सभी चिकित्सकों के कक्षों के दरवाजों पर निजी लेब संचालक को बिना इजाजत चिकित्सक कक्ष व चिकित्सालय परिसर में प्रवेश नही करने की चेतावनी लिखे हुए नोटिस भी चिपका कर कोरी खानापूर्ति कर दी है। इस चेतावनी का कोई असर फिलहाल कोई नजर नहीं आ रहा है। एक कक्ष के दरवाजे से यह नोटिस हटा भी दिया गया है।

पीडि़त ने यू किया दर्द बयां


शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सालय में जारी इस शोषण के शिकार हुए एक मरीज के परिजन ने शुक्रवार को अपने साथ हुए अन्याय के बारे में लालसोट उपखण्ड अधिकारी, ब्लाक चिकित्सा अधिकारी व सीएचसी प्रभारी को एक ज्ञापन देकर कार्रवाई की गुहार की है। ज्ञापन में पीडि़त परिजन शहर के वार्ड 13 निवासी किरोड़ीलाल शर्मा पुत्र ब्रजमोहन हाडा ने बताया कि वह अपनी मां कलावती देवी की तबीयत बिगडऩे पर चिकित्सालय में दिखाने गया तो वहां एक चिकित्सक ने चिकित्सालय की लेब के साथ निजी लेब की जांच लिख दी।
निजी लेब की जांच पर एक अन्य जांच भी करते हुए उससे 900 रुपए भी वसूल लिए। जब उसने रिपोर्ट देखी तो पता चला कि सरकारी लेब में होने वाली सीबीसी की नि:शुल्क जांच भी निजी लेब पर कर दी तो उसने इस बारे में निजी लेब संचालक से पूछा तो उसने बताया कि चिकित्सक का फोन आया था। पीडि़त ने बताया कि उसकी मां के इलाज के लिए अब तक बाहर की जांच व दवाएं लिखी जा रही है।जिसमें उनके बहुत पैसे खर्च हो गए है।

समझौते की पेशकश तक कर दी


इस पूरे मामले को लेकर शुक्रवार को पीडि़त परिजनों द्वारा चिकित्सालय में रोष जताए जाने पर हंगामा खड़ा हो गया।इसके चलते निजी लेेब व चिकित्सक के हाथ पैर फूल गए और जैसे तैसे मामले को रफा दफा करने के लिए भी सक्रिय हो गए। इस दौरान चिकित्सक व निजी लेब संचालक पीडि़त परिजनों से अपनी शिकायत वापस लेने के लिए समझौते की बात भी करने लगे, लेकिन मरीज के परिजन मामले की जांच व दोषी चिकित्सक के खिलाफ की कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।

फोन पर होती है जांच


शहर के चिकित्सालय में यह पूरा खेल चिकित्सकों व निजी लेब संचालकों की मिलीभगत से काफी समय से चल रहा है। चिकित्सालय में कार्यरत कई चिकित्सकों के पास पहुंचने वाले अधिकांश मरीज को अपनी पंसदीदा निजी लेब पर भेज दिया जाता है। पूर्व में सरकारी पर्ची पर ही निजी लेब की जांच लिखने के मामले सामने आने के बाद अब चिकित्सक मरीज को निजी लेब पर भेज कर मोबाइल फोन के माध्यम से जांच कराने लगे हैं। कई बार तो हालात यह होते हैं कि चिकित्सालय में नि:शुल्क इलाज की आशा ले कर पहुंचने वाले गरीब मरीजों को निजी लेब के सैकड़ों रुपए के बिल की राशि का चुकानी पड़ती है।

दोपहर एक बजे बाद मिलती है जांच


जांच की आड़ में मरीजों की जेब पर पड़ रहे इस डाके के लिए चिकित्सालय लेब की अव्यवस्थाएं भी कम जिम्मेदार नहीं है। सुबह आठ बजे आउटडोर शुरू होने के बाद जांच लिए नमूना देने के बाद भी मरीज को पांच घंटे तक रिपोर्ट की बाट जोहनी पड़ती है। चिकित्सालय में मरीजों को जांच रिपोर्ट देने का समय ही दोपहर एक बजे बाद निर्धारित है। आउटडोर का समय पूरा होने के बाद मिली रिपोर्ट को दिखाने मरीज व उसके परिजनों को चिकित्सकों के घर पर फीस देनी पड़ती है। इसके अलावा प्रतिदिन शाम 5 से 7 बजे के दौरान होने वाले आउटडोर केे दौरान तो लेब पर ताला ही लटका रहता है और इस दौरान चिकित्सकों व निजी लेब संचालकों की मिली भगत से मरीजों को जम कर लूटा जा रहा है।

संबंधित चिकित्सक को देंगे नोटिस


ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. धीरज शर्मा ने बताया कि उन्हें ज्ञापन की कॉपी मिली है। इस तरह मरीजों को बाहर की जांच लिखना पूरी तरह अनुचित है, संबंधित चिकित्सक को इस बारे में नोटिस देकर जवाब तलब किया जाएगा। मामले में कड़ी कार्रवाई होगी।(नि.प्र.)
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