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फीकी रहेगी काले सोने में चमक

locationदौसाPublished: Nov 15, 2017 09:39:14 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

जिले में पिछले वर्षों से कम होगी बुवाई, सरसों का घटेगा रकबा

dausa agriculture
दौसा. जिले इस बार रबी फसलों की पैदावार कम रहेगी। बरसात की कमी से सर्वाधिक असर सरसों एवं चने पर पड़ेगा। खासकर बड़ी फसलों में सबसे कम रकबा सरसों (काला सोना) का रहेगा। कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार 2010 से 2014 का पांच वर्ष का औसतन एक वर्ष का बुवाई का रकबा 2 लाख हैक्टेयर से अधिक भूमि का तय रहा है। पिछले वर्ष भी 1 लाख 80 हजार हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। इधर कृषि विभाग ने कागजों मेें तो बुवाई का रकबा बढ़ाकर दर्शा रखा है, लेकिन हकीकत यह है कि भूमि बुवाई बहुत ही कम हो रही है।

सरसों-चने में नरमी


जिले में पिछले पांच वर्ष में सरसों की बुवाई का औसत 73 हजार हैक्टेयर है। जबकि पिछले वर्ष आंकड़ा 60 हजार पर ही आ टिका। कृषि विभाग ने इस सीजन के लिए लक्ष्य तो 60 हजार हैक्टैयर भूमि में बुवाई का रखा है, लेकिन हालत यह है कि इसमें अभी तक 33 हजार 621 हैक्टेयर ही बुवाई हो पाई है। यानि अभी तक मात्र 50 फीसदी सरसों की बुवाई हो पाई है। जबकि सरसों की बुवाई 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर होती है। ऐसे में अब बुवाई की गुंजाइश भी नहीं है।
इसी प्रकार चने की बुवाई का 14 हजार हैक्टेयर का लक्ष्य रखा है, जिसमें से अभी तक 11 हजार हैक्टेयर भूमि में ही बुवाई हो पाई है। हालाकि गेहूं की बुवाई का काम अभी शुरू हुआ ही है। गेहूं की बुवाई का उपयुक्त समय 1 नवम्बर से 15 नवम्बर बहुत अच्छा रहता है। हालाकि गेहूं की बुवाई 15 दिसम्बर तक चलती है। इसकी बुवाई के लिए तापमान में गिरावट आनी चाहिए। जौ भी लगभग इसी समय बोया जाता है।

इस इलाके में खाली पड़े हैं खेत


खरीफ की फसलोंं की कटाई के समय बारिश नहीं होने से जिले के दौसा तहसील के सूरजपुरा से आलूदा तक के इलाके में कई हजारों हैक्टेयर भूमि में सरसों की बम्पर पैदावार होती थी, लेकिन इस बार अधिकांश खेत खाली पड़े हंै। इधर लवाण तहसील में भी हिंगोटिया खेड़ला से लगाकर लवाण तक भूमि खाली पड़ी है। इसी प्रकार नांगलराजावतान तहसील इलाके के आलूदा, पापड़दा, खवारावजी, लाहड़ीकाबास समेत कई गांवों के इलाकों में भी बरसात की कमी की वजह से खेत खाली पड़े हैं। इन इलाकों में सरसों की बम्पर पैदावार होती थी।

सरसों के रकबे पर असर


जिले में कम बरसात होने से खरीफ फसलों को काफी नुकसान हुआ है। इस सीजन में भी सरसों व चने के रकबे की बुवाई सबसे कम हो पाई है। पिछले पांच वर्षों में इस बार सरसों की सबसे कम बुवाई होने का अनुमान है।
पीडी शर्मा,
जिला कृषि अधिकारी दौसा

2015 व 2016 में यह हुई बुवाई


फसल 2015 2016
गेहूं 99613 95000
सरसों 59522 65000
चना 11181 22700
जौ 5627 7700
तारामीरा 703 1200
अन्य 3250 3700
कुल 179896 197330
इस वर्ष का यह है लक्ष्य
फसल 2017 लक्ष्य प्राप्त
गेहूं 95000 8176
सरसों 60000 33621
चना 14000 11145
जौ 6000 4166
तारामीरा 2000 300
सब्जी, हरा चारा 5000 3150
कुल 179896 60258

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