दौसा सीट पर काबिज होने के लिए दोनों दल राजनीतिक समीकरण देखकर ही प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे। 2014 के लोकसभा चुनाव में दौसा से हरिश मीणा ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। चुनाव में दो सगे भाइयों की टक्कर (भाजपा से हरिश मीणा और कांग्रेस से नमोनारायण मीणा) ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया था। वहीं मीणा समुदाय के कद्दावर नेता किरोणीलाल मीणा राजपा से मैदान में थे।
चुनाव में हरीश मीणा ने किरोड़ी लाल मीणा को 45,404 वोट से पराजित किया, जबकि कांग्रेस के नमोनारायण मीणा तीसरे स्थान पर रहे। मार्च 2018 में किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी पार्टी राजपा का विलय भाजपा में कर दिया। किरोड़ी लाल मीणा के भाजपा में शामिल होकर राज्यसभा चले जाने से हरीश मीणा की पार्टी में अहमियत कम हो गई।
दौसा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की बस्सी, चाकसू, थानागाजी, बांदीकुई, महुवा, सिकराय, दौसा और लालसोट सीट आती है। दौसा में अब तक के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का दबदबा रहा है। 1952, 1957 में इस सीट से कांग्रेस को कामयाबी मिली तो 1962, 1967 में स्वतंत्र पार्टी ने यहां परचम लहराया। 1971 में कांग्रेस, 1977 में भारतीय लोकदल, 1980, 1984 में कांग्रेस ने फिर वापसी की। कांग्रेस के दिवंगत नेता राजेश पायलट 1984, 1991, 1996, 1998 में यहां से सांसद रहे।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए दौसा से पैनल में भाजपा से ब्रजमोहन मीणा, रामकिशोर मीणा, प्रेम प्रकाश (भाजपा के बागी विधायक ओम प्रकाश हुड़ला की पत्नी) के नाम पर शामिल है। कांग्रेस से दौसा विधायक मुरारीलाल मीणा की पत्नी सविता मीणा और उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा के पुत्र कमल मीणा प्रमुख दावेदार हैं।