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मंडी व्यापारियों और पल्लेदारों में एसडीएम के हस्तक्षेप पर बनी सहमति

locationदौसाPublished: Jan 11, 2021 09:40:24 pm

Submitted by:

Mahesh Jain

नौ दिन से चल रही हड़ताल खत्म: 4 जनवरी से लागू होगी पल्लेदारों की बढ़ी हुई मजदूरी

मंडी व्यापारियों और पल्लेदारों में एसडीएम के हस्तक्षेप पर बनी सहमति

मंडी व्यापारियों और पल्लेदारों में एसडीएम के हस्तक्षेप पर बनी सहमति

बांदीकुई. कृषि उपज मंडी में व्यापारियों व पल्लेदारों के बीच पिछले नौ दिनों से चल रहा विवाद सोमवार को वार्ता के बाद समाप्त हो गया। एसडीएम ङ्क्षपकी मीणा ने मामले में हस्तक्षेप कर मंडी व्यापारियों और पल्लेदारों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें पल्लेदारों को बढ़ी हुई दरें 4 जनवरी से देने, साथ ही यदि मंडी में काम ज्यादा होगा तो छुट्टी के दिन भी पल्लेदारों को बुलाया जा सकेगा। दोपहर बारह बजे के बाद ट्रॉली में बिना बोरियों के खुल्ला ङ्क्षजस की पल्लेदारी नहीं दी जाएगी।
बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि नीलाम हुए अनाज को शाम 7 बजे तक बोरियों में भरकर तोला जाएगा, अनाजों की छनाई बाद में बचने वाला छानस को अब पल्लेदार न ले जाकर किसान ही ले जा सकेंगे। पहले पल्लेदार छनाई के बाद बचने वाला छानस को ले जाते थे। इन मांगों समेत अन्य पर बैठक में सहमति बनी। बैठक में समझौता होने के बाद में मंडी में नौ दिनो बाद फिर से कामकाज शुरू हो पाया, जिससे दूरदराज से अपना अनाज बेचने वाले किसानों को राहत मिल सकी।

इस मौके पर उपखंड अधिकारी ङ्क्षपकी मीणा, तहसीलदार ओ.पी. बैरवा, मंडी सचिव संतोष मीणा, विनय शर्मा, नाथूलाल बैरवा, व्यापारी एसोशिएशन मंत्री राजेंद्र विजय, विजय जैन, सीताराम सैनी पल्लेदार संघ अध्यक्ष, भगवान सहाय सैनी पल्लेदार संघ मंत्री सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
नौ दिन में 4.50 करोड़ का कारोबार हुआ प्रभावित
मंडी में पल्लेदारों की हड़ताल के चलते नौ दिनों तक कामकाज लगभग ठप रहा, जिससे मंडी में करीब 4.50 करोड़ का कारोबार प्रभावित रहा। मामले को लेकर मंडी और स्थानीय प्रशासन गंभीरता से नहीं लेने के कारण पल्लेदारों की हड़ताल नौ दिनों तक चलती रहीं। मंडी व्यापारी संघ के मंत्री राजेन्द्र विजय ने बताया कि प्रतिदिन करीब 45 लाख का कारोबार प्रभावित रहा है। मंडी में इस समय बाजरा, सरसों, चना गेहूं सहित अन्य ङ्क्षजस की 1000 से 2000 बोरियां आती हैं।
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