Mountains and rivers are hollowed out due to illegal mining
यहां होता है अवैध खनन
यदि चेजा पत्थर के अवैध खनन की बात की जाए तो अरावली पर्वत शृंखला में थूमड़ी की खट्यारा ढाणी, बैड़ाखोह, पपलाज माता के रास्ते में लाहड़ीवाला पहाड़ी, सर्र की पहाड़ी, रामबास तीतरवाड़ा, संवासा, सीकरी कालवान, ठेकड़ा सहित कई इलाकों में पत्थरों का अवैध खनन होता है। इसी प्रकार बजरी खनन पर नजर डाली जाए तो दौसा जिले से निकल रही बाणगंगा नदी को खननकर्ताओं ने खोखला कर दिया है। दौसा में बाणगंगा नदी में खुरी,बापी में जमकर बजरी का अवैध खनन हो रहा है।
यहां होता है अवैध खनन
यदि चेजा पत्थर के अवैध खनन की बात की जाए तो अरावली पर्वत शृंखला में थूमड़ी की खट्यारा ढाणी, बैड़ाखोह, पपलाज माता के रास्ते में लाहड़ीवाला पहाड़ी, सर्र की पहाड़ी, रामबास तीतरवाड़ा, संवासा, सीकरी कालवान, ठेकड़ा सहित कई इलाकों में पत्थरों का अवैध खनन होता है। इसी प्रकार बजरी खनन पर नजर डाली जाए तो दौसा जिले से निकल रही बाणगंगा नदी को खननकर्ताओं ने खोखला कर दिया है। दौसा में बाणगंगा नदी में खुरी,बापी में जमकर बजरी का अवैध खनन हो रहा है।
वहीं बोरोदा, खरताला व सैंथल में सांवा नदी में बजरी का जमकर अवैध खनन हो रहा है। इसी प्रकार महुवा इलाके में बजरी का करीब 25 किलोमीटर की लम्बाई के दायरे में अवैध खनन हो रहा है। महुवा इलाके में टुडियाना, नांदना, टीकरी, सालिमपुर, भोपर, पाली व रसीदपुर इलाकों में जमकर बजरी का अवैध खनन हो रहा है।
आसमान छू रहे भाव
जिले में अवैध रूप होने वाले पत्थर व बजरी के भाव आसमान छू रहे हैं। इन पहाडिय़ों से निकलने वाला पत्थर काफी महंगा बिक रहा है। पत्थर की एक ट्रॉली दो से तीन हजार रुपए तक बिक रही है। इसी प्रकार बजरी भी बहुत महंगी बिक रही है। एक ट्रॉली बजरी का भाव दूरी के हिसाब से तय होता है। सैंथल, बोरोदा में सांवा नदी से निकलने वाली बजरी की एक ट्रॉली खान में से 1 हजार रुपए के खर्चे से बाहर निकलती है। इसमें 500 रुपए बजरी मालिक ठेकेदार लेता है तो 500 रुपए बजरी भरने वाले मजदूर या जेसीबी वाला ले लेता है।
जिले में अवैध रूप होने वाले पत्थर व बजरी के भाव आसमान छू रहे हैं। इन पहाडिय़ों से निकलने वाला पत्थर काफी महंगा बिक रहा है। पत्थर की एक ट्रॉली दो से तीन हजार रुपए तक बिक रही है। इसी प्रकार बजरी भी बहुत महंगी बिक रही है। एक ट्रॉली बजरी का भाव दूरी के हिसाब से तय होता है। सैंथल, बोरोदा में सांवा नदी से निकलने वाली बजरी की एक ट्रॉली खान में से 1 हजार रुपए के खर्चे से बाहर निकलती है। इसमें 500 रुपए बजरी मालिक ठेकेदार लेता है तो 500 रुपए बजरी भरने वाले मजदूर या जेसीबी वाला ले लेता है।
सैंथल से सांवा नदी से निकाली जाने वाली 25 किलोमीटर दूर 4 से 5 हजार रुपए में बिक रही है। यहां की बजरी दौसा शहर, ग्रामीण, बस्सी, कानोता व जयपुर ग्रामीण में बजरी की अवैध रूप से सप्लाई होती है। इसी प्रकार महुवा में बजरी की मण्डी लगती है। यहां की बजरी भी महुवा, भरतपुर, करौली व अलवर जिले में सप्लाई होती है। बजरी महुवा में करीब 3 हजार रुपए की बिकती है, लेकिन दूरी बढ़ती जाती है वैसे ही कीमत बढ़ जाती है।
इनका कहना है…
जिले में जहां-जहां पर खनन हो रहा है, वहां पर निरन्तर कार्रवाई की जा रही है। अवैध खनन के रास्ते खाई खोदकर बंद कर दिए हैं। जहां पर वन विभाग की भूमि में अवैध खनन होता है, वहां पर उनकी टीम कार्रवाई करती है।
– पिंकराव सिंह, सहायक अभियंता खनिज विभाग दौसा
जिले में जहां-जहां पर खनन हो रहा है, वहां पर निरन्तर कार्रवाई की जा रही है। अवैध खनन के रास्ते खाई खोदकर बंद कर दिए हैं। जहां पर वन विभाग की भूमि में अवैध खनन होता है, वहां पर उनकी टीम कार्रवाई करती है।
– पिंकराव सिंह, सहायक अभियंता खनिज विभाग दौसा