नगरपालिका के सभी 25 वार्डों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू होने के साथ मतदाताओं में खासा उत्साह दिखाई दिया। महिला, युवा व पुरुष मतदाताओं की लम्बी कतार लग गई और कस्बे की सरकार चुनने में हर किसी ने भागीदारी निभाई। कोई महिला मतदाता नन्हे- मुन्हे बच्चे को गोद में लेकर तो कोई घंूघट की ओट में मतदान करने पहुंची। जो मतदाता बाहर रहते थे, उनमें से भी कोई बस से तो कोई चौपहिया वाहनों से वोट डालने के लिए आए।
ग्राम पंचायत से नगरपालिका का दर्ज मिलने के बाद पहली बार चुनाव होने के कारण लोगों ने पालिका चुनाव को उत्सव के रूप में मनाया। चप्पे -चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात दिखाई दिए। जहां मतदाताओं को परिचय पत्र दिखाने के बाद ही प्रवेश दिया गया। केन्द्रों पर नजर रखने के लिए वीडियोग्राफी कराई गई। हालांकि अधिकांश मतदाताओं ने दोपहर 1 बजे तक वोट डाल दिए। इसके बाद तो एक-एक कर के ही मतदाता पहुंचे। पर्यवेक्षक नरेश कुमार ठकराल ने भी मतदान केन्द्रों का अवलोकन कर चुनाव व्यवस्थाओं का जायजा लिया। पुलिस मोबाइल टीम व क्यूआरटी टीम भी मतदान केन्द्रों पर गश्त करती दिखाई दी। वहीं किला स्कूल मध्य भाग में ईवीएम में तकनीकी खराबी आने के कारण कुछ देर मतदान बाधित रहा। बाद में मशीन चालू होने पर मतदान सुचारू हुआ।
दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर
नगरपालिका चुनाव में प्रशासन की ओर से दिव्यांग को आवागमन में परेशानी नहीं हो, इसके लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था मतदान केन्द्र पर की गई। इससे दिव्यांगों को मतदान केन्द्र पहुंचने में राहत मिली। प्रत्येक मतदान केन्द्र पर 2 से 3 व्हील चेयरों की व्यवस्था थी। दिव्यांगों को वॉलियंटर व्हील चेयर पर बैठा कर मतदान केन्द्र ले जाते दिखाई दिए।
नगरपालिका चुनाव में प्रशासन की ओर से दिव्यांग को आवागमन में परेशानी नहीं हो, इसके लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था मतदान केन्द्र पर की गई। इससे दिव्यांगों को मतदान केन्द्र पहुंचने में राहत मिली। प्रत्येक मतदान केन्द्र पर 2 से 3 व्हील चेयरों की व्यवस्था थी। दिव्यांगों को वॉलियंटर व्हील चेयर पर बैठा कर मतदान केन्द्र ले जाते दिखाई दिए।
एक परिवार के अलग-अलग वार्ड में नाम
नगरपालिका के चुनाव पहली बार हो रहे हैं। ऐसे में मतदाता जब मतदान करने पहुंचे, तो उन्हें मतदान केन्द्र स्थित हैल्प डेस्क पर पता लगा कि उनका नाम इस वार्ड की मतदाता सूची में नहीं है। इसके बाद दूसरे वार्ड की सूची का अवलोकन करने पर नाम दर्ज होना पाया गया। इसको लेकर लोगों ने पर्यवेक्षक नरेश कुमार ठकराल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। मतदाताओं ने बताया कि एक ही परिवार व एक ही मकान में रहते हैं। इसके बाद भी उनके नाम अलग-अलग वार्डों में दर्ज कर दिया गया है। इससे उन्हें खासी परेशानी झेलनी पड़ी। यह स्थिति दर्जनभर से अधिक मतदाताओं की दिखाई दी।
नगरपालिका के चुनाव पहली बार हो रहे हैं। ऐसे में मतदाता जब मतदान करने पहुंचे, तो उन्हें मतदान केन्द्र स्थित हैल्प डेस्क पर पता लगा कि उनका नाम इस वार्ड की मतदाता सूची में नहीं है। इसके बाद दूसरे वार्ड की सूची का अवलोकन करने पर नाम दर्ज होना पाया गया। इसको लेकर लोगों ने पर्यवेक्षक नरेश कुमार ठकराल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। मतदाताओं ने बताया कि एक ही परिवार व एक ही मकान में रहते हैं। इसके बाद भी उनके नाम अलग-अलग वार्डों में दर्ज कर दिया गया है। इससे उन्हें खासी परेशानी झेलनी पड़ी। यह स्थिति दर्जनभर से अधिक मतदाताओं की दिखाई दी।
कमरों में अंधेरा
करीब आधा दर्जन मतदान केन्द्रों पर रोशनी के लिए बिजली की समुचित व्यवस्था होने के बाद भी कक्षों में अंधेरा होने से मतदाताओं को खासी परेशानी हुई। हालांकि मतदाताओं के शिकायत करने पर प्रशासन की ओर से पेट्रोमैक्स मंगवा कर ईवीएम के समीप रख कर प्रकाश की व्यवस्था करनी पड़ी।
पुरानी तहसील के समीप समर्थकों में हुई कहासुनी
पुरानी तहसील के समीप स्थित मतदान केन्द्र से कुछ ही दूरी पर प्रत्याशी के समर्थक मतदान करने आने वाले मतदाताओं को रोक कर अपने पक्ष में मतदान करने की कोशिश कर रहे थे तो दूसरी प्रत्याशी समर्थकों ने विरोध करना शुरू कर दिया। इसके चलते दोनों गुटों मे कुछ देर के लिए कहासुनी हो गई। बाद में मौजूद लोगों ने समझाइश कर मामला शांत कराया। हालांकि अधिकांश प्रत्याशी व उनने समर्थक मतदान केन्द्र से 200 मीटर की दूरी पर ही खड़े होकर आने वाले मतदाताओं से उनके पक्ष में मतदान करने का आग्रह करते दिखाई दिए। इसमें पुरुष प्रत्याशी पैर छूकर तो महिला प्रत्याशी गले मिलकर उनके पक्ष में मतदान करने की कहते दिखाई दिए।