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मुरली मनोहर को मिला सुप्रीम कोर्ट से स्टे, बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी

locationदौसाPublished: Jun 06, 2018 08:38:29 pm

Submitted by:

gaurav khandelwal

नगर परिषद सभापति का मामला

murli manohar sharma dausa

मुरली मनोहर को मिला सुप्रीम कोर्ट से स्टे, बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी

दौसा. करीब छह माह अविश्वास प्रस्ताव की लड़ाई के बाद अब नगर परिषद दौसा में कानूनी दावपेंच चल रहे हैं। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से सभापति मुरलीमनोहर शर्मा को स्टे मिलने से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई। शर्मा के समर्थकों व कांगे्रसी खेमे में खुशी छा गई।

गौरतलब है कि तत्कालीन सभापति भाजपा के राजकुमार जायसवाल के खिलाफ गत 3 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ था। 14 मार्च को कांग्रेस के पार्षद मुरलीमनोहर शर्मा सर्वदलीय पार्षदों के समर्थन से निर्विरोध सभापति चुने गए थे। जायसवाल ने न्यायालय की शरण ली। 17 मई को राजस्थान उच्च न्यायालय ने अविश्वास प्रस्ताव को अवैध मानते हुए रद्द कर दिया था। साथ ही सांसद और विधायक को मत देने का अधिकार माना था। सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए सरकार को 15 दिन का समय भी दिया।
इसके बाद मुरलीमनोहर शर्मा सुप्रीम कोर्ट में गए, जहां से उन्हें स्टे मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई को मामले की सुनवाई के नोटिस जारी किए गए हैं। अब पुरानी स्थिति ही बहाल रहेगी तथा मुरली मनोहर शर्मा ही सभापति पद पर कायम रहेंगे।

जायसवाल ने निकाल दिया था जुलूस


राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को 15 दिन होने के बाद 2 जून को राजकुमार जायसवाल ने नगर परिषद जाकर स्वयं ही कार्यग्रहण कर लिया था। तब सभापति कक्ष खुला नहीं होने पर लॉन में बैठकर ही कागजी कार्रवाई की। इसके बाद पटाखे फोड़े तथा मिठाईबांटकर शहर में जुलूस भी निकाला था। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जायसवाल खेमे में फिर मायूसी छा गई है। सूत्रों ने बताया कि स्वायत्त शासन निदेशालय से स्थानीय नगर परिषद में जायसवाल को लेकर कोई निर्देश भी नहीं आया था। स्थानीय स्तर पर डीएलबी से मार्गदर्शन जरूर मांगा गया था, लेकिन कोई पत्र लौटकर नहीं आया।

खुल गया कक्ष
स्टे मिलने के बाद सभापति कक्ष का ताला खुल गया। मुरलीमनोहर शर्मा व कई पार्षद कक्ष में बैठे रहे। शर्मा को बधाइयों का तांता लगा रहा। गौरतलब है कि सभापति कक्ष पर 2 जून से ताला लटका होना भी चर्चा का विषय बना हुआ था।
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