अब कोतवाली थाना पुलिस दोनों आरोपियों को बौंली पुलिस को सौंपेगी। लोकेश सैनी की हत्या प्रेम सम्बन्धों के कारण हुई तथा मुख्य आरोपी प्रेमिका के भाई ने साथियों के साथ वारदात को अंजाम दिया था। उल्लेखनीय हैकि लोकेश के लापता होने पर उसकी मां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच में तत्परता दिखाई।
murder Case: Girlfriend’s brother killed, two accused arrested
पुलिस अधीक्षक प्रहलादसिंह कृष्णियां ने बताया कि गत 22 मई को लोकेश सैनी (21) की मां बुद्धि देवी ने कोतवाली पुलिस थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी कि उसका बेटा यहां से 13 मई को जयपुर में ऑनलाइन फूड कम्पनी में काम करने के लिए गया था। तभी से उसका मोबाइल बंद आ रहा था।
बाद में युवक की तलाश के लिए महानिरीक्षक पुलिस जयपुर रैंज एस सेंगाथिर के निर्देश पर एएसपी अनिल सिंह चौहान व सीओ अकलेश शर्मा के सुपरविजन में कोतवाली थाना प्रभारी गणपत राम चौधरी व साइबर सैल प्रभारी नरेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी लालसोट के सोनन्दा निवासी ओमप्रकाश सैनी व डिडवाना निवासी मुकेशकुमार सैनी को गिरफ्तार किया है।
ऐसे हुआ खुलासा
एसपी ने बताया कि गुमशुदा लोकेश की तलाशी के लिए पुलिस की टीम ने उसकी कम्पनी के कर्मचारी व मकान मालिक से पूछताछ की। विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों के फुटेज लिए। लोकेश के मोबाइल कॉले डिटेल की जांच की। इस दौरान सामने आया कि लोकेश के प्रेम सम्बन्ध उसके रिश्ते में लगने वाली भाभी के साथ थे। लोकेश व प्रेमिका भाभी जयपुर में किराए के एक ही मकान मेें रहते थे। उसी मकान में हत्या का मुख्य आरोपी व प्रेमिका के भाई ओमप्रकाश सैनी की दूसरी बहन भी अपने प्रेमी लालसोट के डिडवाना निवासी मुकेश सैनी के साथ रहती थी।
भाई की बारात से हत्या करने आया था मुख्य आरोपी
कोतवाली थाना प्रभारी गणपतराम चौधरी ने बताया कि मुख्य आरोपी ओमप्रकाश सैनी के भाई की 14 मई को शादी थी। शादी के लिए दोनों बहनें 8 मई से ही जयपुर से लालसोट शादी में आई हुई थी। इस दौरान लोकेश अपनी प्रेमिका को बार-बार फोन कर जयपुर बुला रहा था, लेकिन वह नहीं जा रही थी। इधर, दोनों बहनों के पति भी शादी में नहीं जा रहे थे।
उन्होंने तय किया था कि यदि दोनों बहनें उनके पास ही रहे और पत्नी धर्म निभाए तो ही वे शादी में जाएंगे अन्यथा नहीं। बाद में विश्वास दिलाने पर दोनों बहनों के पति लालसोट शादी में चले गए थे। इधर, लोकेश अपनी प्रेमिका को बुलाने के लिए बार-बार फोन कर दबाव बना रहा था। इसकी जानकारी प्रेमिका के भाई ओमप्रकाश को लग गई तो उसने शादी में ही मौजूद अपने साथी डिडवाना निवासी मुकेश सैनी के साथ मिल कर लोकेश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई।
उन्होंने अन्य साथियों को भी बुला लिया। वे शादी में से ही कार से जयपुर के पां’यावाला चले गए। वहां पर उन्होंने कमरे पर सो रहे लोकेश सैनी की हत्या कर शव को रजाई में लपेट कर कार में रख लिया। सवाईमाधोपुर के बौंली थाने से गुजर रही बनास नदी की चाणक्य दह में शव को डाल दिया और वापस शादी में पहुंच गए। आरोपियों ने शव को पानी में डुबोने के लिए गले व पांवों में बड़े पत्थर बांध कर डुबाया, ताकि किसी को दिखाई नहीं दे। 16 मई को लोकेश का शव चाणक्य दह में दिखाई दिया। बौंली थाना पुलिस ने शिनाख्त नहीं होने पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
खुलासा करने वाली टीम
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि खुलासा करने वाली टीम में कोतवाली थाना प्रभारी गणपत राम चौधरी, साइबर सैल प्रभारी नरेश कुमार , एसआई राजेन्द्र कुमार, हैड कांस्टेबल विजयसिंह, प्रदीपसिंह, नागपाल, लोकेश कुमार, राजेन्द्र कुमार व लक्ष्मीकांत शर्मा शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक के साथ खुलासा के दौरान सीआई लक्ष्मीकांत शर्मा, सब इन्सपेक्टर भगवानसिंह व टीआई भूपेन्द्र सिंह भी मौजूद थे।
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