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मंडावरी व लालसोट मंडी में सरसों की बंपर आवक

locationदौसाPublished: Mar 12, 2019 08:49:01 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

पांच हजार कट्टों तक पहुंची आवक

lalsot mandi

मंडावरी व लालसोट मंडी में सरसों की बंपर आवक

लालसोट. बीते दो-तीन माह में लालसोट व मंडावरी कृषि उपज मंडियों के व्यापार में आई सुस्ती अब सरसों की आवक के साथ दूर होने लगी है। मार्च की शुरुआत केे साथ दोनों मंडियों में सरसों की आवक शुरू हो चुकी है। शुरुआती दिनों में यह आवक थोड़ी धीमी रही, लेकिन सोमवार से तेजी आ गई। पांच हजार कट्टों तक आवक हो गई। इससे मंडियों में काले सोने यानि सरसों की ढेरियां ही ढेरियां नजर आने लगी है।

मंडी व्यापारियों ने बताया कि हर वर्ष मार्च की शुरुआत में ही आवक पांच हजार बोरी तक पहुंच जाती है। गत वर्ष बारिश कम होने से दोनों मंडियों में सरसों की आवक काफी कमजोर रही थी। इस बार लालसोट व पड़ोसी जिले सवाई माधोपुर जिले में पर्याप्त बारिश होने से दोनों जिलों में सरसों की बुवाई भी किसानों ने प्रचुर मात्रा में की है। इससे आने वाले दिनों में मंडियों में सरसों की आवक की गति इससे दुगनी तक भी बढ़ सकती है। मंडी व्यापारियों ने बताया कि होली के बाद यह आवक बढ़कर 10 हजार कट्टों तक पहुंचने का अनुमान है।

भाव कम मिलने से किसान मायूस


लालसोट व मंडावरी कृषि उपज मंडियों में सरसों की आवक शुरू होने से जहां आढ़तियों के चेहरों पर खुशी देखी जा सकती है, लेकिन किसान भाव कम मिलने से मायूस है। मंडियों में फिलहाल सरसों 3300 रुपए से 3700 रुपए प्रति क्विटंल के भाव से बिक रही है, जबकि सरकार द्वारा सरसों का समर्थन मूल्य 4200 रुपए प्रति क्विंटल घोषित कर रखा है।
मंडी के व्यापारियों ने बताया कि फिलहाल सरसों गीली आने से भाव में कुछ कमी है, लेकिन सूखी सरसों अब भी 3700 रुपए प्रति क्विटंल के भाव से बिक रही है। कई किसानों ने बताया कि मंडियों में सरकारी खरीद केंद्र नहीं खुलने से जरुरततंद किसान अपनी मेहनत को थोड़े कम भाव पर बेच कर अपनी जरुरतों को पूरा कर रहे हैं, लेकिन बड़े किसान समर्थन मूल्य पर खरीद केंद्र शुरू होने की बाट जोह रहे हैं।
नेपाल तक होता है निर्यात


क्षेत्र में पैदा होने वाले काले सोने की साख देश के साथ विदेश में भी है। लालसोट कृषि उपज मंडी में ग्रेन मर्चेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष नवल झालानी व मंडावरी मंडी के पूर्व अध्यक्ष रामजीलाल गांधी ने बताया कि लालसोट क्षेत्र व सवाईमाधोपुर जिले में पैदा होने वाली सरसों में तेल की प्रचुर मात्रा होने से बिहार, बंगाल, यूपी, एमपी समेत कई प्रदेशों के साथ नेपाल में भी भी भारी मांग रहती है। दोनों मंडियों से प्रतिदिन ट्रक सरसों लेकर नेपाल तक जाते हैं।

किसानों को नि:शुल्क जांच की सुविधा


लालसोट व मंडावरी कृषि उपज मंडी सचिव ममता गुप्ता ने बताया कि मंडियों में नई सरसों की आवक शुरू हो गई है।दोनों ही मंडी में किसानों की सुविधा के लिए सरसों में तेल की मात्र जांचने के लिए लेब की नि:शुल्क सुविधा भी उपलब्ध करा दी है।

एक अप्रेल शुरू होगी सरकारी खरीद


लालसोट क्रय विक्र्रय सहकारी समिति के जरनल मैनेजर ब्रजेश कुमार सिहारा ने बताया कि लालसोट व मंडावरी मंडियों में एक अप्रेल से समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद केंद्र शुरू होगा।किसान ई-मित्र पर पंजीकरण बाद अपनी फसल निर्धारित 4200 रुपए प्रति क्विटंल की देर से बेच सकेंगे। (नि.प्र.)

पिछले पांच सालों में मार्च माह में लालसोट कृषि उपज मंडियों में बेची गई सरसों
वर्ष 2014 – 100174 क्विटंल
वर्ष 2015 – 109571 क्विटंल
वर्ष 2016 – 49104 क्विटंल
वर्ष 2017 – 128253 क्विटंल
वर्ष 2018 – 59130 क्विटंल

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