दौसा जिले में करीब 350 चिकित्सक कार्यरत हैं। कोरोना काल में चिकित्सकों ने अद्भुत कार्य कर लोगों की जिंदगी बचाई। लॉकडाउन के शुरू में जहां लोग अपने घरों में दुबक गए थे, वहीं चिकित्सकों ने जान की परवाह ना करते हुए कोरोना से जंग लड़ी। चिकित्सक अपने घरवालों से दूर रहकर मरीजों की सेवा में जुट गए। गर्मी में पीपीई किट पहनकर अपनी सुरक्षा करना भी मुश्किल रहा। संक्रमण से बचते हुए कार्य कर चिकित्सकों ने कोरोना से लड़ाई लड़ी, जो तारीफ ए काबिल रही।
कोरोना महामारी के दौरान जिले के डॉक्टर्स ने दिन-रात काम किया। अपने लक्ष्य से कभी पीछे नहीं हटे। जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीएम वर्मा, जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. सीएल मीना के नेतृत्व में चिकित्सकों ने मजबूती से कोरोना से जंग लड़ी। कोरोना मरीजों के सम्पर्क में सबसे पहले रेपिड रेंस्पोंस टीम (आरआरटी) आती है। इसके बाद कोविड वार्ड का काम शुरू होता है। ऐसे में डॉक्टर्स डे पर पत्रिका टीम ने आरआरटी व कोविड वार्ड के प्रभारियों से बात कर कोरोना काल में किए गए कार्यों के बारे में जाना, ताकि समझ आ सके कि किन परिस्थितियों में कार्य किया गया।
कोविड वार्ड में 17 अप्रेल को पहला केस आया। उसके बाद से अब तक 102 मरीजों को स्वस्थ्य होने पर डिस्चार्ज किया जा चुका है। यह टीम की बड़ी सफलता है। मंगलवार को कोरोना पीडि़त एक 2 साल के बच्चे व 75 वर्षीय वृद्ध को उपचार के बाद घर भेजकर चिकित्सक होने पर बड़ा संतोष हुआ। कोविड वार्ड में मरीजों को तनाव मुक्त रखा गया। कोरोना के भय को मरीजों पर हावी होने नहीं दिया। मेंटल सपोर्ट, सकारात्मकता व उपचार के माध्यम से लगातार सफलता मिली। शुरुआत में कोरोना का उपचार एक चुनौती थी। करीब डेढ़ माह परिवार से दूर रहे। पीपीई किट पहनकर कार्य करना मुश्किल रहा। जिला कलक्टर अविचल चतुर्वेदी ने काफी सपोर्ट किया। डाइट चार्ट बनाकर दिया। फ्री हैण्ड किया तथा लगातार सहयोग करते रहे। वार्ड में डॉ. प्रेम मीना, डॉ. डीएन शर्मा सहित अन्य चिकित्सकों व नर्सिंगकर्मियों ने भी बेहतरीन कार्य किया।
डॉ. आरडी मीना, कोविड वार्ड प्रभारी जिला अस्पताल दौसा
पूरी टीम मार्च से लगातार अब तक सतर्क रहकर अधिकारियों के मार्गदर्शन में दिन-रात कार्य कर रही है। पॉजिटिव केस की राज्य स्तर से सूचना मिलते ही रेपिड रेस्पोंस टीम मरीज के घर पहुंचती है। शुरुआत में तो कोरोना को लेकर हर किसी के अंदर भय था, लेकिन चुनौती मानकर कार्य किया। पीपीई किट पहनकर मरीज को एम्बुलेंस से अस्पताल रवाना कर सम्पर्क में आए व्यक्तियों की जांच व ट्रेवल हिस्ट्री तैयार की गई। आसपास के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित करवाकर घर-घर सर्वे आदि किए। डॉ. निर्मल मीना, डॉ आरके मीना, डॉ. सुरेश मीना, डॉ. मुकेश बंसल सहित कई चिकित्सक टीम में बेहतरीन ढंग से काम कर रहे हैं। शुरू के एक-दो माह तो घर भी नहीं गए।
डॉ. सुभाष बिलोनिया, डिप्टी सीएमएचओ व आरआरटी प्रभारी दौसा
सेवा का संकल्प
गंभीर परिस्थितियों में डॉक्टर्स लोगों की जान बचाते हैं। समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ साथ लगातार परिवर्तन लाने की कोशिश भी कर रहे हैं। कोरोना काल में संकल्प लेकर सभी चिकित्सकों ने समपर्ण भाव से काम किया। आगे भी अपने आप को सुरक्षित रखते हुए निष्ठा के साथ सेवा करने का सभी चिकित्सक संकल्प लेते हैं।
डॉ. दीपक शर्मा, जिलाध्यक्ष अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ व इंडियन डेंटल एसोसिएशन दौसा