दौसा संसदीय सीट पर 11 बार कांग्रेस काबिज रही है। मात्र 2 बार भाजपा को सफलता मिल सकी है। 4 बार दूसरे दलों या निर्दलीयों के खाते में यह सीट गई है। दौसा सीट के 62 साल के संसदीय इतिहास में मात्र 16 साल कांग्रेस के पास यह सीट नहीं रही।
दौसा में जन्मे तथा गुजरात के पूर्व राज्यपाल व दिग्गज कांग्रेस नेता पंडित नवलकिशोर शर्मा भी दौसा से तीन बार सांसद रहे थे। 1962 व 67 में लगातार दो बार हार के बाद कांग्रेस ने दौसा से 1968 उपचुनाव में पं. नवलकिशोर शर्मा को मैदान में उतारा तथा उन्हें जीत मिली। इसके बाद 1971 में भी वे जीते। इसके बाद 1980 में तीसरी बार जीते। 1984 के चुनाव में राजेश पायलट को दौसा से उतारा गया।
2004 में सचिन पायलट भारी मतों से जीते। 2009 के चुनाव से दौसा सीट एसटी आरक्षित हो गई। कांग्रेस ने यहां से पुलिस अधिकारी रहे लक्ष्मण मीना को तो भाजपा ने पूर्व मंत्री रामकिशोर मीना को मैदान में उतारा। भाजपा से नाराज डॉ. किरोड़ीलाल मीना निर्दलीय उतरे, लेकिन कश्मीर से आए कमर रब्बानी चेची ने निर्दलीय उतरकर मुकाबला चतुष्कोणीय बना दिया। इस चुनाव में कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब हुई।
गत चुनाव में भाजपा से जीते हरीश मीना अब कांग्रेस में हैं तथा देवली-उनियारा से विधायक बन चुके हैं। वहीं किरोड़ी भाजपा में लौटकर राज्यसभा सांसद बन चुके हैं। 2009 में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे लक्ष्मण मीना वर्तमान में बस्सी से निर्दलीय विधायक बन चुके हैं। वहीं नमोनारायण मीना की दौसा में सक्रियता गत पांच साल में नहीं रही। ऐसे में कांग्रेस को दौसा सीट पर चेहरे की तलाश है, जिसका लोकसभा क्षेत्र की आठों विधानसभा क्षेत्र में पहचान हो।
दौसा से अब तक रहे सांसद 1957- सोमानी गजाधर हजारीलाल- कांग्रेस
1962- पृथ्वीराज- एसडब्ल्यूए
1967- आरसी गनपत- एसडब्ल्यूए
1968 नवलकिशोर शर्मा- कांग्रेस (उपचुनाव)
1971 नवलकिशोर शर्मा- कांग्रेस
1977- नाथूसिंह-बीएलडी
1980- नवलकिशोर शर्मा-कांग्रेस
1984- राजेश पायलट-कांग्रेस
1989- नाथूसिंह-भाजपा
1991- राजेश पायलट- कांग्रेस
1996 – राजेश पायलट- कांग्रेस
1998 – राजेश पायलट- कांग्रेस
1999 – राजेश पायलट- कांग्रेस
2000 – रमा पायलट- कांग्रेस (उपचुनाव)
2004- सचिन पायलट- कांग्रेस
2009- डॉ. किरोड़ीलाल मीना- निर्दलीय
2014- हरीशचंद्र मीना- भाजपा
1951 में जयपुर-सवाईमाधोपुर सीट से दौसा निवासी रामकरण जोशी सांसद बने थे। तब दौसा सीट अलग नहीं थी।