संकेतक नहीं, सडक़ के बीच क्रेन, एनएचएआई के खिलाफ मुकदमा
दौसाPublished: Feb 19, 2020 10:08:30 am
चार दिन पूर्व सिकंदरा चौराहे पर हुई थी दुर्घटना
संकेतक नहीं, सडक़ के बीच क्रेन, एनएचएआई के खिलाफ मुकदमा
सिकंदरा.
जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सिकंदरा चौराहे पर चार दिन पूर्व हुई दुर्घटना के मामले में सिकंदरा निवासी एक जने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व टोल कंपनी अधिकारियों के खिलाफ हाइवे पर संकेतक चिह्न नहीं लगाने, अतिक्रमण हटाने आई क्रेन को गलत तरीके से सडक़ पर खड़ा करने व मानव जीवन को संकट में डालने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने बताया कि सिकंदरा के राजोरा ढाणी निवासी सीताराम सैनी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि एनएचआई व टोल कंपनी जेएमटीपीएल के अधिकारियों की लापरवाही व हाइवे पर संकेेतक चिह्न नहीं लगाने से आए दिन दुर्घटनाए घटित हो रही है।
इस संबंध में पूर्व में भी प्रार्थी व आम जनता द्वारा एनएचएआई पीडी वाई. पी. सिंह, टोल मैनेजर वंसुधरा राव, अनिल कुमार, प्रदीप सिंह व टोलकर्मी मगन सिंह सहित अन्य कर्मियों को शिकातय दी थी, लेकिन इसके बाद जिम्मेदार टोलकर्मियों द्वारा कोई सुधार नहीं किया। 14 फरवरी को टोलकर्मियों ने आमजन की जान को जोखिम डालकर सिकंदरा चौराहे पर हाइवे के बीच आईजेएम कंपनी की के्रन को खड़ा कर दिया।
इस कारण बड़ा हादसा हो गया। इसमें एक जने की मौके पर मौत हो गई तथा एक जना घायल हो गया था। रिपोर्ट में बताया कि एनएचएआई व टोल कंपनी के अधिकारियों व कर्मियों लापरवाही की वजह से मानव जीवन संकट में रहता है। परिवादी ने जिम्मेदार अधिकारियों व टोल कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
थाना प्रभारी राजपाल यादव ने बताया कि प्रथम दृष्टया टोल अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण हटाने के दौरान के्रन को सर्विस लेन की बजाए हाइवे के बीच में खड़ा होने से दुर्घटना कारित होना पाया है। मामले की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि 14 फरवरी को दुर्घटना में एक जने की मांैत होने पर गुस्साए लोगों ने करीब ढाई घंटे तक हाइवे जाम लगाए रखा था। पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम खोला था।
घटना के बाद से स्थानीय ग्रामीणों में टोल कंपनी अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश है।