आजादी के समय बना था स्कूल भवन
दरअसल इस भवन का निर्माण आजादी के तुरंत बाद 4 अक्टूबर 1947 को हुआ था। ऐसे में यह भवन 75 वर्ष पुराना हो चुका हैं। इस भवन में बने कक्षों में बीआरसीआर की ओर से ट्रेनिंग के लिए उपयोग में लिया जाता था। जून वर्ष 2020 इस भवन में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल का संचालन शुरू किया गया, लेकिन पूर्णतया जर्जर अवस्था होने की वजह से अब भवन को शिक्षा विभाग की ओर से जमींदोज करने के आदेश तो आए, लेकिन स्कूल का संचालन के लिए वैकल्पिक भवन की व्यवस्था नहीं की गई हैं। इसको लेकर स्कूल शिक्षकों ने कई बार उच्च अधिकारियों को इसको लेकर अवगत करवा दिया हैं। विद्यालय में अभी 321 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। फिलहाल चार कक्षाएं दो कक्षा-कक्ष में संचालित हो रही हैं, लेकिन अब 27 सितम्बर से प्राथमिक की सभी कक्षाएं शुरू होने पर समस्या खड़ी हो जाएगी।
वहीं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों का कहना हैं कि इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा गया हैं। फिलहाल वित्तीय स्वीकृति का इंतजार हैं।
दरअसल इस भवन का निर्माण आजादी के तुरंत बाद 4 अक्टूबर 1947 को हुआ था। ऐसे में यह भवन 75 वर्ष पुराना हो चुका हैं। इस भवन में बने कक्षों में बीआरसीआर की ओर से ट्रेनिंग के लिए उपयोग में लिया जाता था। जून वर्ष 2020 इस भवन में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल का संचालन शुरू किया गया, लेकिन पूर्णतया जर्जर अवस्था होने की वजह से अब भवन को शिक्षा विभाग की ओर से जमींदोज करने के आदेश तो आए, लेकिन स्कूल का संचालन के लिए वैकल्पिक भवन की व्यवस्था नहीं की गई हैं। इसको लेकर स्कूल शिक्षकों ने कई बार उच्च अधिकारियों को इसको लेकर अवगत करवा दिया हैं। विद्यालय में अभी 321 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। फिलहाल चार कक्षाएं दो कक्षा-कक्ष में संचालित हो रही हैं, लेकिन अब 27 सितम्बर से प्राथमिक की सभी कक्षाएं शुरू होने पर समस्या खड़ी हो जाएगी।
वहीं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों का कहना हैं कि इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा गया हैं। फिलहाल वित्तीय स्वीकृति का इंतजार हैं।
लापरवाही नहीं पड़ जाए भारी
महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूल भवन को लेकर शिक्षा महकमे के बड़े अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आ रही हैं। करीब 75 साल पुराने भवन को जमीदोज करने के आदेश दे रखे हैं, लेकिन फिर भी कंडम भवन में स्कूल कैसे संचालित की जा रही हैं। हादसे का अंदेशे से विद्यार्थी और अभिभावक चिंतित रहते हैं। अभिभावकों का कहना है कि क्षतिग्रस्त हो चुके भवन में बच्चों की कक्षाएं संचालित नहीं की जानी चाहिए। बारिश के समय में पानी भी छत से टपकता रहता हैं।
महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूल भवन को लेकर शिक्षा महकमे के बड़े अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आ रही हैं। करीब 75 साल पुराने भवन को जमीदोज करने के आदेश दे रखे हैं, लेकिन फिर भी कंडम भवन में स्कूल कैसे संचालित की जा रही हैं। हादसे का अंदेशे से विद्यार्थी और अभिभावक चिंतित रहते हैं। अभिभावकों का कहना है कि क्षतिग्रस्त हो चुके भवन में बच्चों की कक्षाएं संचालित नहीं की जानी चाहिए। बारिश के समय में पानी भी छत से टपकता रहता हैं।
जर्जर भवन को लेकर बार बार उच्चअधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। घायल मिड डे मील कर्मी महिला को तत्काल अस्पताल ले जाकर प्राथमिक उपचार कराया गया।
राजकुमारी शर्मा प्रधानाचार्य
राजकुमारी शर्मा प्रधानाचार्य