लालसोट. निर्र्झरना गांव स्थित काली डंूंगरी श्रीराम जानकी मंदिर पर जारी तीन दिवसीय पाटोत्सव व कृष्ण बलराम प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा समारोह का रविवार को समापन हो गया। समारोह में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। उपखण्ड मुख्यालय समेत आस पास के कई गांवों से हजारों ग्रामीण श्री रामजानकी धाम मंदिर पहुंचे और आयोजन में शरीक हुए। प्रदेश के उद्योग मंत्री परसादीलाल मीना ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से समाज में धार्मिक भावना और सामाजिक एकजुटता बढ़ती है। उन्होंने इस मौके पर मंदिर के विकास के लिए 10 लाख रुपए विधायक कोष देते हुए रामजानकी धाम को एक बड़े धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस धाम के विकास के लिए आगे भी कोई कोर कसर नही छोड़ी जाएगी और प्रतिवर्ष बजट उपलब्ध कराया जाएगा। इससे पूर्व सुबह हवन पूूजा की गई। संत अवधेशदास के सानिध्य में 51 जोड़ों ने हवन पूजा में शिरकत की। जयकारों से पूरा माहौल ही धार्मिक हो गया। रामजानकी धाम मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कृष्ण बलराम की प्रतिमाओं की प्र्राण प्रतिष्ठा की गई।
इस मौके पर यजमान बाबूलाल विष्णु कुमार गौड रिवाली वाले ने पूजा अर्चना व जयकारों के बीच प्रतिमाओं को स्थापित कराया। भगवान राम व जानकी की प्रतिमाओं का भी शृंगार किया गया।शाम को मनोकामना दीपक जलाए गए और महाआरती का भी आयोजन किया गया। संत समागम में दर्जनों संतों ने शिरकत करते हुए भारतीय संस्कृति के अधिक से अधिक प्रचार प्रसार पर बल दिया। इस मौके पर संत शंकरदास, विद्यानंददास, श्यामदास, संदीपदास एवं रघुनाथ दास समेत कई संतोंं ने विचार प्रकट किए। यज्ञ संयोजक संतअवधेशदास ने सभी संतों का सम्मान किया े।(नि.प्र.)
इस मौके पर यजमान बाबूलाल विष्णु कुमार गौड रिवाली वाले ने पूजा अर्चना व जयकारों के बीच प्रतिमाओं को स्थापित कराया। भगवान राम व जानकी की प्रतिमाओं का भी शृंगार किया गया।शाम को मनोकामना दीपक जलाए गए और महाआरती का भी आयोजन किया गया। संत समागम में दर्जनों संतों ने शिरकत करते हुए भारतीय संस्कृति के अधिक से अधिक प्रचार प्रसार पर बल दिया। इस मौके पर संत शंकरदास, विद्यानंददास, श्यामदास, संदीपदास एवं रघुनाथ दास समेत कई संतोंं ने विचार प्रकट किए। यज्ञ संयोजक संतअवधेशदास ने सभी संतों का सम्मान किया े।(नि.प्र.)