क्षेत्र में इस बार पर्याप्त बारिश होने का भी असर साफ तौर पर देखा जा रहा है।मंूगफली से भरे जुगाड़ व ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की सुबह ही मंडी में कतारें लग जाती है। दिनभर में दुकानों के आगे व प्लेटफॉर्म पर मूंगफली के ढेर लगे रहते हैं।
किसान भी खुश
मूंगफली के दामों में इस बार गत वर्ष के मुकाबले करीब पांच सौ से एक हजार रुपए प्रति क्विंटल अधिक होने के कारण किसानों में खुशी है। मंडी व्यापारियों के अनुसार गत वर्ष मंूगफली के दाम करीब साढ़े तीन हजार से साढ़े चार हजार रुपए प्रति क्विंटल तक रहे थे।इस बार बम्पर पैदावार होने के बाद भी किसानों को मेहनत का पूरा लाभ मिल रहा है। लालसोट मंडी में मूंगफली साढ़े चार हजार रुपए से पांच हजार तीन सौ रुपए प्रति क्विटंल भाव से बेची जा रही है।
मूंगफली के दामों में इस बार गत वर्ष के मुकाबले करीब पांच सौ से एक हजार रुपए प्रति क्विंटल अधिक होने के कारण किसानों में खुशी है। मंडी व्यापारियों के अनुसार गत वर्ष मंूगफली के दाम करीब साढ़े तीन हजार से साढ़े चार हजार रुपए प्रति क्विंटल तक रहे थे।इस बार बम्पर पैदावार होने के बाद भी किसानों को मेहनत का पूरा लाभ मिल रहा है। लालसोट मंडी में मूंगफली साढ़े चार हजार रुपए से पांच हजार तीन सौ रुपए प्रति क्विटंल भाव से बेची जा रही है।
बाजरे के भी लगे ढेर
लालसोट व मंडावरी कृषि मंडी में इन दिनों बाजरे भी बढिय़ा आवक हो रही है। दोनो मंडियों में प्रतिदिन 10 हजार कट्टों की आवक है। इस वर्ष सितम्बर माह तक भी बारिश का क्रम बने रहने से बाजरे की फसल को नुकसान काफी हो गया।मंडियों में मात्र तीस प्रतिशत ही उच्च क्वालिटी के बाजरे की आवक हो रही है। शेष 70 प्रतिशत काले रंग के बाजरे की आवक हो रही है।
लालसोट व मंडावरी कृषि मंडी में इन दिनों बाजरे भी बढिय़ा आवक हो रही है। दोनो मंडियों में प्रतिदिन 10 हजार कट्टों की आवक है। इस वर्ष सितम्बर माह तक भी बारिश का क्रम बने रहने से बाजरे की फसल को नुकसान काफी हो गया।मंडियों में मात्र तीस प्रतिशत ही उच्च क्वालिटी के बाजरे की आवक हो रही है। शेष 70 प्रतिशत काले रंग के बाजरे की आवक हो रही है।
मंडावरी मंडी के संरक्षक रामजीलाल गांधी ने बताया कि बारिश के चलते उच्च क्वालिटी के बाजरे की आवक में कमी होने से इस बार बाजरे के दामों में भी 200 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो गई है। किसानों को बाजरे के दाम 1500 से 1700 रुपए प्रति क्विटंल तक मिल रहे हैं। इसके अलावा लालसोट व मंडावरी मंडी में तिल की भी आवक शुरू हो गई है।
अपनी मिठास के लिए जानी जाती है लालसोट की मूंगफली
ग्रेन मर्चेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष नवल झालानी ने बताया कि लालसोट की मूंगफली अपनी मिठास के लिए पूरे देश में जानी जाती है। इसी स्वाद के यहां की मूंगफली की हमेशा डिमांड बनी रहती है। मंडी से सीजन के दौरान प्रतिदिन मूंगफली गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, पं. बगंाल, हरियाणा व पंजाब प्रांतों तक ट्रकों में लोड होकर पहुंच रही है।
ग्रेन मर्चेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष नवल झालानी ने बताया कि लालसोट की मूंगफली अपनी मिठास के लिए पूरे देश में जानी जाती है। इसी स्वाद के यहां की मूंगफली की हमेशा डिमांड बनी रहती है। मंडी से सीजन के दौरान प्रतिदिन मूंगफली गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, पं. बगंाल, हरियाणा व पंजाब प्रांतों तक ट्रकों में लोड होकर पहुंच रही है।