साथ ही नई योजनाएं व निर्माण कार्यभी शुरू नहीं होंगे। जनप्रतिनिधि उद्घाटन नहीं कर सकेंगे। सांसद व विधायक कोष से राशि जारी नहीं होगी। इधर, आमजन में भी अब चुनावी चर्चा होने लगी है। गौरतलब है कि राजस्थान में दो चरणों में चुनाव होगा। पहला चरण 29 अप्रेल व दूसरा 6 मई को होगा। मतगणना 23 मई को होगी।
राजस्थान के दूसरे फेज में दौसा लोकसभा क्षेत्र में 6 मई को मतदान होगा। इसके तहत 10 अप्रेल को नोटिफिकेशन जारी व 18 अप्रेल तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 22 तक वापसी होंगे।
आठ विधानसभा क्षेत्र
एसटी आरक्षित दौसा लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इनमें दौसा जिले की दौसा, लालसोट, बांदीकुई, महुवा व सिकराय विधानसभा क्षेत्र तथा अलवर जिले की थानागाजी तथा जयपुर जिले की बस्सी व चाकसू विधानसभा क्षेत्र शामिल है। करीब 16 लाख से अधिक मतदाता हैं।
एसटी आरक्षित दौसा लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इनमें दौसा जिले की दौसा, लालसोट, बांदीकुई, महुवा व सिकराय विधानसभा क्षेत्र तथा अलवर जिले की थानागाजी तथा जयपुर जिले की बस्सी व चाकसू विधानसभा क्षेत्र शामिल है। करीब 16 लाख से अधिक मतदाता हैं।
भाजपा का नहीं कोई विधायक
लोकसभा चुनाव में गत बार भाजपा के टिकट पर हरीश मीना ने चुनाव जीता था। चार माह पूर्व वे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए तथा टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जा चुके हैं। ऐसे में दौसा सीट रिक्त है। तीन माह पूर्व विधानसभा चुनाव परिणाम में दौसा लोकसभा क्षेत्र से केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा का पत्ता साफ हो गया। फिलहाल लोकसभा क्षेत्र की आठों में से एक में भी भाजपा का विधायक नहीं है। तीन में निर्दलीय तथा पांच में कांग्रेस से निर्वाचित विधायक हैं। ऐसे में इस बार दौसा सीट पर भाजपा के लिए कठिन डगर होगी।
प्रशासन ने शुरू की तैयारी
लोकसभा चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन विभाग के अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। जिला निर्वाचन अधिकारी अविचल चतुर्वेदी की देखरेख में प्रकोष्ठों व कंट्रोल रूम का गठन किया जा रहा है। मतदाता जागरूकता अभियान स्वीप में दल लगा हुआ है। प्रतिदिन गतिविधियां हो रही है। मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण हो चुका है।
दलों को जिताऊ की तलाश
दौसा लोकसभा क्षेत्र के लिए दोनों ही प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस के पास कोई टिकाऊ प्रत्याशी नहीं है। हर बार प्रत्याशी बदलते रहते हैं। किसी एक नेता की अब यह परम्परागत सीट भी नहीं रही। अब दोनों ही दलों को यहां से जिताऊ प्रत्याशी की तलाश है। गत बार कांग्रेस से नमोनारायण मीना तथा भाजपा से उनके भाई हरीश मीना की चर्चित टक्कर हुई थी। इस बार समीकरण बदल चुके हैं। एसटी आरक्षित सीट होने के बाद कांग्रेस ने हर बार प्रत्याशी बदला। पहले यह सीट पायलट परिवार की परम्परागत सीट रही है।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट दौसा से सांसद रह चुके हैं। उनके पिता राजेश पायलट ने 5 बार तथा माता रमा पायलट ने 1 बार दौसा से चुनाव जीता है। वहीं भाजपा के पास दो विकल्प हैं। एक तो डॉ. किरोड़ीलाल मीना व उनका परिवार या दूसरा कोई ओर। अब दोनों दलों में उच्च स्तर पर टिकटों पर मंथन चल रहा है। वहीं कार्यकर्ताओं व मतदाताओं में चर्चाओं का बाजार गर्महै।