Protest for drinking water problem इस दौरान विभाग द्वारा गढ़ हिम्मत सिंह गांव में नलों के कनेक्शन पाइप लाइन के नीचे वाले हिस्से में कर रखे हैं जबकि भंडपुरा गांव में विभाग के द्वारा नलों के कनेक्शन पाइप लाइन के ऊपर वाले हिस्से में किए गए हैं। जिसके चलते गांव में नल सप्लाई खोलने के समय पानी नहीं पहुंच पाता है। वहीं गढ़हिम्मत सिंह गांव के लोगों द्वारा रोज हजारों लीटर पानी व्यर्थ बहा दिया जाता है।
जिसके चलते गांव में पेयजल समस्या बनी हुई है। पिछले दो वर्षों से ग्रामीणों द्वारा विधायक सहित जलदाय विभाग के अधिकारियों को कई बार समस्या से अवगत भी कराया जा चुका है, लेकिन उनके द्वारा समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। उन्होंने जल्दी समस्या का समाधान नहीं होने पर धरना प्रदर्शन आंदोलन की चेतावनी दी है ।
Protest for drinking water problem प्रिंटिंग प्रेस एसोसिएशन ने दिया ज्ञापन
दौसा. प्रिंटिंग प्रेस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर व विधायक मुरारीलाल मीणा को ज्ञापन देकर लॉकडाउन अवधि में प्रेस मालिकों को हो रही परेशानियां बताकर राहत देने की मांग की। एसोसिएशन अध्यक्ष शिवचरण भंडाना ने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस दुकानों का अप्रेल, मई व जून का दुकान किराया माफ करवाया जाए या सरकार अपने स्तर पर इसका पुनर्भरण करे। उपाध्यक्ष उमाशंकर मीणा ने कहा कि प्रिंटिंग प्रेस के शादी व स्कूली सीजन का नुकसान हो गया है। व्यापार ठप होने से परिवार का पालन-पोषण करना भी मुश्किल हो गया है। ऐसी दशा में जिन प्रेस मालिकों ने अपनी मशीनों पर ऋण लेे रखा है, उनका लॉक डाउन अवधि का ब्याज माफ करवाने की मांग की।
दौसा. प्रिंटिंग प्रेस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर व विधायक मुरारीलाल मीणा को ज्ञापन देकर लॉकडाउन अवधि में प्रेस मालिकों को हो रही परेशानियां बताकर राहत देने की मांग की। एसोसिएशन अध्यक्ष शिवचरण भंडाना ने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस दुकानों का अप्रेल, मई व जून का दुकान किराया माफ करवाया जाए या सरकार अपने स्तर पर इसका पुनर्भरण करे। उपाध्यक्ष उमाशंकर मीणा ने कहा कि प्रिंटिंग प्रेस के शादी व स्कूली सीजन का नुकसान हो गया है। व्यापार ठप होने से परिवार का पालन-पोषण करना भी मुश्किल हो गया है। ऐसी दशा में जिन प्रेस मालिकों ने अपनी मशीनों पर ऋण लेे रखा है, उनका लॉक डाउन अवधि का ब्याज माफ करवाने की मांग की।
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