मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन में हडक़ंप मच गया। सूचना मिलते ही मौके पर उपखण्ड अधिकारी रतनलाल योगी, विधायक ओमप्रकाश हुड़ला, थाना प्रभारी बृजेश मीणा, डॉ. भीमराव अम्बेडकर जागृति संघ अध्यक्ष हुकुम कारोलिया आदि मौके पर पहुंचे। परिजनों को समझाया, लेकिन वे शव उठाने को तैयार नहीं हुए।
बैरवा समाज के लोगों ने पीडि़ता के परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता, घायल चांदनी के परिजनों को दो लाख की आर्थिक सहायता, दोनों परिवारों को बीपीएल एवं आवास योजना में लाभान्वित कराने, प्रधानाचार्य को वापस लगाने सहित अन्य मांग रखी।
इस पर उपखण्ड अधिकारी की समझइस पर परिजन एवं ग्रामीण शव को उठाने पर सहमत हो गए। इसके बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार किया। गौरतलब हैकि विद्यालय प्रधानाचार्य व पोषाहार प्रभारी के खिलाफ लापरवाही बरतने का मामला दर्ज हो चुका है। दोनों को निलम्बित भी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रसीदपुर गांव में पोषाहार के लिए बनाई गई दाल के गर्म भगोने में गिरने से छात्रा अलका पुत्री राजूलाल बैरवा व चांदनी झुलस गई थी। उन्हें सामुदायिक अस्पताल महुवा में भर्ती कराया गया था।
जहांसे चिकित्सकों ने चांदनी को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी थी, लेकिन वहीं अलका उर्फ नीलम के गंभीरावस्था में जयपुर रैफर कर दिया था। जहां इलाज के दौरान शनिवार को अलका ने शनिवार को दम तोड़ दिया था।