जानकारी के अनुसार रेलवे की ओर से वर्ष 1996-97 में 92.90 किलोमीटर दौसा-गंगापुर रेलमार्ग स्वीकृत हुआ था। परियोजना में देरी के चलते रेलवे की ओर से प्राथमिकता के आधार पर दौसा से डिडवाना तक करीब 39 किलोमीटर का रेल टे्रक तैयार होने के बाद टे्रन संचालन की कवायद शुरू की गई।
टे्रक मेन्टीनेन्स का भी हुआ टेण्डर
रेलवे की ओर से डिडवाना तक नवनिर्मित टे्रक के मेन्टीनेन्स का टेण्डर भी जारी किया गया था। ऐसे में टे्रक एवं भवन आदि की देखरेख भी की जा रही है। इनके सुपरविजन के लिए इंजीनियर लगाने की भी योजना है।
ये हो रहे लाभ से वंचित
दौसा से गंगापुर रेल के बीच 11 नए स्टेशन स्थापित होंगे। इनमें दौसा के बाद बनियाना, नांगलराजावतान, समेलपुर, डिडवाना बनाए गए हैं। ऐसे में डिडवाना तक के स्टेशन एवं आस-पास के दर्जनों गांव-ढाणियों के लोग लाभ से वंचित हो गए हैं।
बढ़ती जा रही है लागत
परियोजना की शुरुआती अनुमानित लागत 190 करोड़ रुपए आंकी गई थी। बाद में रिवाइज होने पर 400 एवं 790 करोड़ रुपए तक पहुंच गई, लेकिन इसके बावजूद अभी तक काम पूरा नहीं हो सका है। हालांकि इस वर्ष 115 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं।
यह है परियोजना के लाभ
दौसा-गंगापुर रेलमार्ग जयपुर से धोलपुर का रास्ता छोटा हो जाएगा। वहीं अधिकांश मार्ग ट्राईबल एरिया से होकर गुजरने से विकास को गति मिल सकेगी। वहीं क्षेत्र के लोगों को मुम्बई, अहमदाबाद, जयपुर एवं दिल्ली आदि बड़े शहरों के लिए कनेक्टिीविटी मिल सकेगी।
इधर हो रहे हैं हादसे
दौसा-गंगापुर रेल मार्ग पर कई अण्डर पास बनाए गए हैं। बरसात के दिनों में इनमें पानी भराव की समस्या रहती है। इसी सीजन में एक अण्डरपास में भरे पानी में गिरने से एक जने की मौत तक हो चुकी है। इसके बाद भी रेल प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए जाते हंै।
काम में तेजी लाएंगे
दौसा-गंगापुर रेलमार्ग पर टे्रक तैयार है। वर्तमान में लाइन आना शुरू हो गया है। ऐसे में काम में तेजी लाकर 2020-21 तक काम पूरा करने की योजना है। डिडवाना तक टे्रन संचालन के बारे में वे कुछ नहीं बता सकते है।
शिवराज शर्मा, उमपुख्य अभियंता, दौसा