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बारिश से फसलों को जीवनदान

locationदौसाPublished: Jul 04, 2021 09:24:27 pm

Submitted by:

gaurav khandelwal

Rain gives life to crops: किसानों को फायदा तो आमजन को भी गर्मी से मिली राहत

बारिश से फसलों को जीवनदान

बारिश से फसलों को जीवनदान

दौसा. जिलेभर में कई दिनों बाद बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। इस बारिश से पहले बोई गई खरीफ की फसलों को भी काफी फायदा होगा। वहीं भीषण गर्मी से लोगों को काफी राहत मिली है।
Rain gives life to crops


जानकारी के अनुसार जिले में सुबह से करीब 10 बजे तक को काफी गर्मी थी, लेकिन बाद में आकाश में काले बादलों की घटा छा गई। दोपहर करीब एक बजे जिला मुख्यालय एवं आसपास करीब 10 मिनट तक हल्की बारिश हुई। इससे पानी बह निकला। लालसोट व सिकराय उपखण्ड में कई जगह झमाझम बारिश हुई तो जिले के अधिकतर हिस्सों में बूंदाबांदी हुई है। शाम तक दिनभर आकाश में बादलों की घटा छाई रही व हवाओं से मौसम खुशनुमा रहा।
Rain gives life to crops


इस बारिश से जिन इलाकों में पहले बुवाई हो चुकी मक्का, बाजरा, मूंगफली व ग्वार आदि की फसलों को काफी फायदा होगा, क्योंकि ये फसलें पिछले दिनों से पड़ रही कड़ाके धूप एवं गर्मी की तपन से सूखने के कगार पर थी। हालांकि जिन इलाकों में अभी तक बुवाई नहीं हुई है, उन इलाकों में हल्की बारिश से बुवाई तो नहीं होगी। बुवाई के लिए अच्छी बारिश होना जरूरी है। उल्लेखनीय है कि जिले में अभी तक करीब 40 फीसदी हिस्से में अभी तक बुवाई नहीं हो पाई है। इन इलाके किसानों को अच्छी बरसात की आस है। (निसं)
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यहां करेगी अमृत का काम


जिले के महुवा, बसवा, बांदीकुई व सिकराय उपखण्ड इलाकों में करीब एक पखवाड़े पहले खेतों में मक्का, बाजरा व मूंगफली की फसलों की बुवाई हो चुकी है। इन खेतों में अभी निराई- गुढ़ाई चल रही है। इन इलाके में हल्की बारिश भी अमृत का काम करेगी। किसानों के खेतों में जमीन सूखने से फसलें सूखने के कगार पर थी, लेकिन अब बारिश से निराई- गुढ़ाई (खरपतवार) हो जाएगी। किसानों का कहना है कि यह बरसात उनके खेतों में यूरिया खाद से भी अधिक काम करेगी।
अभी तक तो इतनी हुई है बुवाई
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में इस सीजन में 1 लाख 55 हजार हैक्टेयर भूमि में बाजरे की फसल का बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से 1 लाख हैक्टेयर भूमि में ही बुवाई हुई है। इसी प्रकार मूंगफली के 12 हजार में से 9 हजार हैक्टेयर, ज्वार 5 हजार हैक्टेयर में से 2000, मक्का 1000 हजार में से 500, तिल 9 हजार में से 5000, ग्वार का 10 हजार हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य है, जिसमें से 7 हजार हैक्टेयर की बुवाई हो पाई है। हरा चारे का 1 हजार का लक्ष्य है, जिसमें से 700 व सब्जियों के 2600 के लक्ष्य के एवज में मात्र 500 हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई है। कुल 1 लाख 95 हजार 740 में से 1 लाख 24 हजार 725 हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। (निसं)
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