गौरतलब है कि प्रतिवर्ष राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर भंडाना स्मृति स्थल पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा होती थी। इस बार कोविड गाइड लाइन की पालना करते हुए सभा की जगह सुबह 10 से 11 बजे तक पुष्पांजलि का कार्यक्रम रखा गया। इसमें सचिन पायलट के आने को लेकर असमंजस की स्थिति थी, क्योंकि पायलट के दौसा आने को लेकर आधिकारिक कार्यक्रम जारी नहीं हुआ था। अचानक सुबह सवा नौ बजे पायलट ने दौसा आकर जीरोता स्थित राजेश पायलट स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर पौधारोपण किया। वहां दौसा विधायक व बांदीकुई विधायक चुनिंदा नेताओं के साथ पहले से मौजूद थे। इसके बाद पायलट ने दोनों विधायकों के साथ भंडाना स्मृति स्थल आकर अपने पिता राजेश पायलट को पुष्पांजलि अर्पित की।
परिस्थितियां गंभीर, हर जगह संकट
पत्रकारों से बातचीत में सचिन पायलट ने पिता राजेश पायलट को याद करते हुए कहा कि 21 साल हो गए हैं, लेकिन उन्होंने युवाओं, किसानों, प्रदेश व देशवासियों को जो रास्ता दिखाया था उस पर हम सब चलने की कोशिश कर रहे हैं। आज बड़ी गंभीर परिस्थितियां देश की हो चुकी हैं। ऐसे में हर जगह संकट है, चाहे अर्थव्यवस्था हो या किसान वर्ग। ऐसे समय में राजेश पायलट ने जिस प्रकार की राजनीति का परिचय अपने कामों और व्यक्तित्व से दिया था, हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।