केस संख्या एक
यह योजना सितम्बर 2016 में शुरू हुई थी और दिसम्बर 2018 में साढ़े 22 सौ क्विंटल राशन सामग्री का वितरण कर दिया। इस पर 10 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से मशीन की कीमत भी वसूल ली गई, लेकिन इसके बाद भी मई 2019 तक पॉश मशीन के नाम पर राशि काटी गई है। जो कि कीमत से करीब छह हजार रुपए अधिक काट चुकी है। जबकि वह प्रतिमाह करीब 120 क्विंटल राशन सामग्री वितरण करना है। इसके बाद शिकायत भी दो बार रसद विभाग जाकर शिकायत भी दर्ज करा दी, लेकिन राशि अभी तक नहीं लौटाई गई है।
केस संख्या 2-
प्रतिमाह 112 क्विंटल राशन सामग्री का वितरण करने के हिसाब से दिसम्बर 2018 में पॉश मशीन का भुगतान पूरा हो चुका, लेकिन इसके बाद भी 9 माह से लगातार पौश मशीन के नाम पर राशि कमीशन से काटी जा रही है। काटी गई राशि व कमीशन से जुड़ी जानकारी मांगने पर उपलब्ध तक नहीं कराई जाती है।
केस संख्या तीन-
वह 189 क्विंटल सामग्री प्रतिमाह विरण करता है। इस हिसाब से दिसम्बर 2017 में ही पॉश मशीन का भुगतान पूरा हो गया, लेकिन जुलाई 2018 तक पॉश मशीन की राशि काटी गई है। करीब 15 हजार रुपए ज्यादा लिए जा चुके हैं। इसके बारे में शिकायत भी दर्ज करा दी है, लेकिन राशि नहीं लौटाई गई है।
ज्यादा वसूला है तो लौटा दी जाएगी राशि
यदि पौश मशीन की राशि किसी से ज्यादा वसूली है तो वह राशन विक्रेता रसद विभाग कार्यालय आकर शिकायत दर्ज कराए। उसका हिसाब का मिलान कर लिया जाएगा और अधिक राशि वसूली है तो लौटा दी जाएगी।