अमृत समान है दौसा में पानी
दौसा शहर में पानी की एक-एक बूंद के लिए लोग तरसते हैं। यहां पेयजल मिलना मुश्किल है। शहर के मकानों में पांच-सात दिन में एक बार नलों में पानी आता है। अधिकांश लोगों ने शहर में अपने मकानों में बोरिंग करवा रखे हंै, जिन लोगों ने बोरिंग नहीं खुदवा रखे हैं उन्होंने पानी के टैंक बनवा रखे हैं जो टैंकरों से खरीद कर पानी भरवाते हैं। पीने के लिए आरओ का पानी लोग कैम्परों में खरीद कर पीते हैं।
दौसा शहर में पानी की एक-एक बूंद के लिए लोग तरसते हैं। यहां पेयजल मिलना मुश्किल है। शहर के मकानों में पांच-सात दिन में एक बार नलों में पानी आता है। अधिकांश लोगों ने शहर में अपने मकानों में बोरिंग करवा रखे हंै, जिन लोगों ने बोरिंग नहीं खुदवा रखे हैं उन्होंने पानी के टैंक बनवा रखे हैं जो टैंकरों से खरीद कर पानी भरवाते हैं। पीने के लिए आरओ का पानी लोग कैम्परों में खरीद कर पीते हैं।
शहर में अधिकांश पुरानी पाइप लाइन
शहर में अधिकांश स्थानों पर करीब चालीस वर्ष पहले बिछाई गई पाइप लाइन है। यही कारण है कि जब टंकी से पानी की सप्लाई खोली जाती है उस वक्त सैंकड़ों स्थानों पर पानी व्यर्थ बहता है। इन दिनों नगरपरिषद ने मानसून पूर्व नालों की सफाई कराई है। ऐसे में पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। जैसे-जैसे पानी की सप्लाई होगी, तब जानकारी लग पाएगी।
शहर में अधिकांश स्थानों पर करीब चालीस वर्ष पहले बिछाई गई पाइप लाइन है। यही कारण है कि जब टंकी से पानी की सप्लाई खोली जाती है उस वक्त सैंकड़ों स्थानों पर पानी व्यर्थ बहता है। इन दिनों नगरपरिषद ने मानसून पूर्व नालों की सफाई कराई है। ऐसे में पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। जैसे-जैसे पानी की सप्लाई होगी, तब जानकारी लग पाएगी।