विद्यालय में रसोईघर के निर्माण के लिए तक जगह नहीं है। हालांकि विद्यालय स्तर पर एक कोने में ही रसोईघर बना रखी है। जहां पोषाहार तैयार कर बच्चों को वितरित किया जाता है। इससे पोषाहार पकाने वाली कुक कम हैल्पर को भी खासी परेशानी होती है। शौचालय भी जर्जर हो चुके हैं। स्वतंत्रता दिवस व अन्य सांस्कृतिक आयोजन करान के लिए भी इधर-उधर मुंह ताकना पड़ता है। जबकि सरकार विद्यालयों में सुविधाओं में इजाफा करने व नामाकंन वृद्धि व शैक्षिक स्तर पर जोर दे रही हैं। जबकि कुछ विद्यालयों की स्थिति कुछ अलग ही बयां कर रही है।
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जागीर बांदीकुई में पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सीमेंट की टंकी का निर्माण करवा रखा है। जहां विद्यालय प्रशासन प्रत्येक सात दिवस के अंतराल में टेंकर डलवाते हैं। इस पानी को ही छात्र पीकर प्यास बुझाते हैं। कुछ छात्र तो घर से ही ताजा पानी तक बोतलों में लेकर आते हैं। इन मासूमों की समस्याओं के समाधान की ओर किसी का भी ध्यान नहीं है।
विद्यालय के जर्जर होने के बारे में गत 19 अगस्त 2019 को मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को अवगत करा दिया गया था। इस भवन को पीडब्ल्यूडी द्वारा कण्डम घोषित कर प्रमाण पत्र देना चाहिए। इससे नए भवन निर्माण के लिए विद्यालय विकास समिति में प्रस्ताव लेकर भेजा जा सके। इससे नया भवन का निर्माण होने से छात्रों की सुविधाओं में इजाफा हो।-छोटेलाल सैनी, कार्यवाहक प्रधानाध्यापक