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स्वयं की चिंता, आमजन की नहीं परवाह

locationदौसाPublished: Jul 15, 2021 02:44:40 pm

Submitted by:

Rajendra Jain

dausa चिकित्सा विभाग ने कम मात्रा में बांटे मास्क व अन्य सामग्री

स्वयं की चिंता, आमजन की नहीं परवाह

दौसा अस्पताल में मास्क से भरा कट्टा।

दौसा. कोरोना काल में जिले में लोग मास्क, सेनेटाइजर आदि के लिए भटकते रहे। लोगों को जेब से खर्च कर बाजार से खरीदने पड़े या फिर भामाशाहों के माध्यम से मास्क, सोडियम हाइपोक्लोराइड आदि मिले, लेकिन चिकित्सा विभाग ने अपने खजाने में रखे मास्क, सोडियम हाइपोक्लोराइड आदि स्टाफ के लिए ही रिजर्व कर रखे हैं। विभाग इनमें से आमजन को कोई सामग्री वितरित नहीं करा है। इससे जाहिर होता है कि चिकित्सा विभाग को आम जनता से अधिक अपने विभागीय कर्मचारियों की चिंता रही।
जानकारी के अनुसार चिकित्सा विभाग वर्तमान में 1 लाख 83 हजार 762 मास्क अपने पास खजाने में रख कर बैठा है। इनमें से 20 हजार 327 मास्क एन 95 मास्क हैं और 1 लाख 63 हजार 335 थ्री लेयर मास्क रखे हुए हैं। इसके अलावा 2 हजार 603 पीपीई किट व 9 हजार 496 वीटीएम किट रखी हुई है। सोडियम हाइपोक्लोराइड सैल्यूलन की 315 किट रखी हुई है। वहीं 2 हजार 605 पीपीई किट रखे हुए हैं।
इनको तो बाजार से ही खरीदने पड़े
जिले में अप्रेल व मई के महीने में कोरोना वायरस केसों की बाढ़ सी आ गई थी। हर किसी के मन में कोरोना बीमारी का भय पैदा हो गया था। लोगों को सरकारी स्तर पर मास्क, पीपीई किट, सैनेटाइजर व सोडियम हाइपोक्लोराइड सैल्यूलन की सख्त जरुरत थी, लेकिन लोगों को सरकारी स्तर पर यह सामग्री कतई नहीं मिल पाई। सीएमएचओ कार्यालय या जिला अस्पताल से स्टाफ के अलावा आमजन को मास्क व सैनेटाइजर वितरित नहीं किए गए। पीपीई किट भी स्टाफ के अलावा अन्य लोगों को नहीं दी जाती थी। जबकि मरीज के साथ रहने वाले परिजना को यह किट पहन कर ही वार्ड में जाने देना चाहिए था। चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मी पीपीई किट पहन अपनी सुरक्षा के साथ मरीज के पास जाते थे, लेकिन मरीज का परिजन मात्र मास्क लगाकर ही वार्ड में जाता था।
जमकर हुआ कारोबार
जिले में डेढ़ वर्ष से कोरोना वायरस सक्रिय हुआ है। कहने को तो चिकित्सा विभाग आमजन तक मास्क, सैनेटाइजर व अन्य सामग्री पहुंचाने का दावा करता है, लेकिन हकीकत कोसों दूर हैं। गत वर्ष तो कई भामाशाह व सामाजिक संगठनों ने यह सामग्री आमजन तक पहुंचाई, लेकिन इस वर्ष ये भी धीमे पड़ गए। बाजार में ठेलों से लेकर हर दुकान पर दुकानदारों ने मास्क बेचने का भी कारोबार संचालित कर लिया। सरकारी स्तर पर मास्क, सैनेटाइजर एवं सैल्यून नहीं मिलने से लोगों ने अपनी जेब से ही दुकानों से खरीद कर काम लेना शुरू कर दिया था।
स्टाफ के लिए ही आए थे
कोरोना काल में सरकार ने चिकित्सा विभाग को मास्क, सैनेटाइजर एवं अन्य सामग्री केवल चिकित्सा विभाग के लिए ही भेजी थी। आमजन को मुहैया कराने का कोई प्रावधान नहीं था।
-डॉ. मनीष चौधरी, सीएमएचओ दौसा
भामाशाहों ने कम किया सहयोग
पिछले वर्ष तो जिले में जगह-जगह भामाशाहों ने मास्क व सैनेटाइजरों को खूब वितरण किया था, लेकिन इस वर्ष भामाशाहों की कमी थी। इसलिए लोगों को बाजार से यह सामग्री खरीद कर काम लेनी पड़ी।
– डॉ. सुभाष बिलौनिया, डिप्टी सीएमएचओ दौसा
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