जानकारी के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष चौधरी ने जिला अस्पताल के सोनोग्राफी सेंटर के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. शिवचरण मीना को नोटिस दिया था कि वे सोनोग्राफी करने में लापरवाही बरत रहे हैं। ***** परीक्षण की भी शिकायत है। जांच करने पर फॉर्म एफ में कमियां पाई गई। इसके बाद 19 जुलाई से जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सकों ने सोनोग्राफी करना बंद कर दिया। मजबूरी में मरीज सात-सात सौ रुपए खर्च कर जिला अस्पताल के बाहर सोनोग्राफी करने लगे। इस बीच सीएमएचओ ने जिला अस्पताल के ही एक और रेडियोलॉजिस्ट डॉ. श्रीप्रकाश मीना को भी नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद विवाद और गहरा गया। सीएमएचओ, रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सकों व पीएमओ के बीच जुबानी तीर चलने लगे।
पत्रिका ने उजागर किया था मुद्दा
सोनोग्राफी जांच बंद होने के मामले को राजस्थान पत्रिका ने 20 जुलाई के अंक में ‘चिकित्साधिकारियों की खींचतान में अब सोनोग्राफी जांच भी बंदÓ शीर्षक से प्रकाशित कर उजागर किया। इसके बाद चिकित्सा विभाग व प्रशासन हरकत में आया। पत्रिका ने मरीजों की परेशानी बताते हुए विधायक सहित अन्य अधिकारियों से बात की। लगातार फॉलोअप देकर सोनोग्राफी मशीन चालू कराने को मजबूर किया। (कासं./निसं.)