जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में दो सोनोग्राफी मशीन थी। एक मशीन मात्र एवं शिशु कल्याण केन्द्र में तो एक मुख्य भवन में। पिछले कई महीनों से मुख्य भवन वाली सोनोग्राफी मशीन खराब हो गई थी। जबकि मात्र शिशु कल्याण केन्द्र में लगी सोनोग्राफी मशीन ही चालू थी। अस्पताल नियमों के हिसाब से मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र में संचालित सोनोग्राफी मशीन पर गर्भवती महिला एवं सामान्य मरीजों की भी सोनोग्राफी होना तय था, लेकिन यहां बैठने वाले सोनोलॉजिस्ट मात्र महिलाओं की सोनोग्राफी कर रहे थे।
सामान्य मरीजों की सोनोग्राफी करने से मना कर दिया जाता था। ऐसे में लोगों को जिला अस्पताल के बाहर प्राइवेट सेंटरों पर सोनोग्राफी करानी पड़ी रही थी। अब जिला अस्पताल को सांसद जसकौर मीना के कोष से एक नई सोनोग्राफी मशीन मिल गई है।
चिकित्सक पूरे, लेकिन लाभ नहीं…
जिला अस्पताल में सोनोग्राफी मशीनों पर सोनोग्राफी करने वाले सोनोलॉजिस्ट चिकित्सकों की भी कोई कमी नहीं है। यहां पर पांच चिकित्सक हैं। जिनमें से एक चिकित्सक डॉ. प्रकाश मीना को डिप्टी कंट्रोलर बना रखा है। शेष चार चिकित्सक डॉ. शिवचरण मीना, डॉ. आभा जैन, डॉ. मुकेश गुप्ता एवं प्रशिक्षकु चिकित्सक डॉ. नेहा है। इसके बाद भी मरीजों को इलाज का लाभ नहीं मिल रहा है।