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पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लगाए परिण्डे

locationदौसाPublished: Apr 24, 2019 04:14:33 pm

Submitted by:

Rajendra Jain

– अभियान की शुरुआत

पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लगाए परिण्डे

पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लगाए परिण्डे

लालसोट. अनुराग सेवा संस्थान व राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड स्थानीय संघ के संयुक्त तत्वावधान में शहर के नेहरू गार्डन में पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए परिण्डा अभियान का शुभारंभ किया गया। वरिष्ठ नागरिक जनों ने परिण्डों नियमित पानी भरने की जिम्मेदारी ली भी। संस्थान के सचिव श्यामसुंदर शर्मा ने बताया कि इस वर्ष परिण्डा अभियान के अन्तर्गत 2500 परिण्डे लगाने एवं वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और विभिन्न सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं एवं सार्वजनिक स्थलों पर परिण्डे लगाए जाएंगे।
संस्थान के अध्यक्ष महेश सोनी , प्रभारी कमिश्नर गाइड अंजना त्यागी , स्काउट उप प्रधान ओमप्रकाश चतुर्वेदी, स्काउटिंग सचिव श्रीकांत शर्मा, सियाराम शर्मा, राजेन्द्र डोब, गोपाल कृष्ण मिश्रा, लक्ष्मीनारायण भारद्वाज, रामजीलाल डोब, महेश सोनी, महेश पांखला, जितेन्द्र जांगिड़, जितेन्द्र सैनी, रोवर स्काउट धर्मराज सैनी, विजय सैनी, विष्णु सैनी, वीरेंद्र माली, वीरेंद्र सैनी आदि मौजूद थे।(नि.प्र.)
कण-कण में राम का वास-रामायणी
मेहंदीपुर बालाजी.
कस्बे की कलकत्ता धर्मशाला में चल रही श्रीराम कथा में ऊषा रामायणी ने कहा कि जगत मिथ्या नहीं, इसके कण-कण में प्रभु राम का स्वरूप विद्यमान है। जगत की कोई भी वस्तु या तत्व असत्य नहीं है। हमारे भाव ही मिथ्यात्व को जन्म देते हैं और यह भाव ही जगत को मिथ्या बना देता है। मैं और मेरा का भाव, पति-पत्नी, बेटा-बेटी और इसी तरह के भाव मिथ्या होते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान सबमें हैं लेकिन वह सबसे अलग भी हैं, वह हमारे साथ हर क्षण है पर दिखते नहीं हैं। वह हमें दिखाई नहीं देते, रामायण हमें वह ज्ञान देता है, क्योंकि इसमें आगम-पुराणों का सार है, यह विद्वानों की आश्रय स्थली है, इसलिए रामायण में जो तत्व मौजूद है वह जीवन के उत्थान के लिए परम आवश्यक है। भजनों की धुन पर श्रोताओं से जमकर तालियां बटोरी।
निकाली रैली
बांदीकुई. वन विभाग की ओर से सोमवार को क्षेत्रीय वन अधिकारी विजय कुमार शर्मा की अध्यक्षता में पृथ्वी दिवस मनाया गया। इसी कड़ी में संस्कार भारती विद्या मंदिर की ओर से पृथ्वी दिवस पर रैली निकाली गई। रैली को झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। जो कि शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी। रैली में पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण एवं अवैध खनन नहीं किए जाने से जुड़े नारा लेखन की तख्तियां हाथों में लेकर छात्र नारे लगाते हुए चल रहे थे।
छात्रों ने लोगों को बिगड़ते पर्यावरण असंतुलन के प्रभावों के बारे में भी जानकारी दी। प्रधानाध्यापक संजू पाठक ने पृथ्वी दिवस के महत्त्व के बारे में प्रकाश डाला। नुक्कड़ नाटक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति दी गई। फोरस्टर चन्द्रभान शर्मा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिवर्ष एक पौधा लगाकर उसकी सार-संभाल का जिम्मा लेना चाहिए।
पौधे ऑक्सीजन छोड़ते हैं। शुद्ध ऑक्सीजन मिलने से शरीर स्वस्थ्य रहता है। पेड़-पौधे अधिक संख्या में होने से बारिश अच्छी होती है। वहीं छाया एवं फल की प्राप्ति भी होती है। इस दौरान प्रतियोगी छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया। जुगलकिशोर शर्मा, रामजीलाल मीणा, सत्यनारायण शर्मा सहित अन्य वनकर्मी मौजूद थे।
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