Strike on the second day after keeping the Market closed धरना दे रहे ग्रामीणोंं ने बताया कि दोनों ग्राम पंचायतें लम्बे समय से बांदीकुई पंचायत समिति के अधीन थी, लेकिन सरकार द्वारा पुनर्गठन के तहत इन्हें नवसृजित पंचायत समिति बैजूपाड़ा में शामिल किया जा रहा है। जो कि न्यायोचित नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि बांदीकुई को उपखंड का दर्जा प्राप्त है। बांदीकुई में उपखंड अधिकारी कार्यालय, पुलिस थाना एवं सीओ कार्यालय सहित दर्जनों सरकारी कार्यालय संचालित होने के साथ साथ कृषि उपज मंडी व क्रय विक्रय सहकारी समिति संचालित है। जहां ग्रामीणों का कार्यों के लिए आना-जाना लगा रहता है। आवागमन की समुचित सुविधा उपलब्ध है और नजदीक भी है, लेकिन बैजूपाड़ा एक गांव है। जहां आने जाने के लिए साधनों का अभाव है।
पंचायतों से बैजूपाडा की दूरी अधिक होने से समय एंव धन की बर्बादी होगी। उन्होने कहा कि समस्या के निराकरण की मांग को लेकर एसडीएम, कलक्टर,विधायक, मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन के जरिए वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध जताया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक धरना जारी रहेगा।
वहीं निजी एवं सरकारी शिक्षण संस्थानों को बंद कराकर आन्दोलन को गति देकर अनशन में परिवॢतत किया जाएगा। इस मौके पर धर्मेन्द्रसिंह, रतीराम मीना, राजेन्द्रसिंह मुकेश महावर,भंवर चौहान, बाबू डूंडी, भजन लाल, ताराचंद, तेजाराम, मुनीमराम, जयप्रकाश, हीरालाल, गोपाल परेवा, घनश्याम बैरवा, गोकुलराम, गुलाब महावर, भूरसिंह, सूरज परेवा एवं कानाराम ने भी विरोध जताया।
Strike on the second day after keeping the market closed