1994 में दौसा पीजी कॉलेज के अध्यक्ष रहे मुरलीमनोहर शर्मा ने बताया कि उनके समय में कईवर्षों बाद फिर से चुनाव शुरू हुए थे। चुनाव के दौरान कड़ा संघर्षरहा। उनको अध्यक्ष पद पर कार्य करने का Óयादा मौका नहीं मिला। जनवरी में चुनाव हुए और मार्चमें परीक्षा हो गई। शर्मा का कहना हैकि दौसा में छात्रसंघ चुनाव के गरमा-गरम माहौल में खास बदलाव नहीं आया है।
1995-96 में दौसा पीजी कॉलेज अध्यक्ष रहे कमलेश झार्राने बताया कि उन्होंने पायल-95 के नाम से कार्यक्रम कराया था। इसमें डीजीपी किशनलाल मीना व जिला प्रमुख डॉ. किरोड़ीलाल मीना शामिल हुए थे। वह कार्यक्रम काफी चर्चित रहा। झार्रा का कहना था कि पहले चुनाव सैद्धांतिक रूप से हुआ करते थे, अब नेताओं के कुछ दूसरे ही लक्ष्य हो गए हैं। पहले क्षेत्रवाद हावी हुआ करता था। अब जातिवाद बढ़ गया है।
1999-2000 में अध्यक्ष रहे वीरेन्द्र शर्मा छोट्या ने कहा कि उनके कार्यकाल में छात्रसंघ उद्घाटन समारोह कराना काफी चर्चित रहा था। समारोह में मंत्री परसादीलाल मीना, सीपीजोशी, विधायक महेन्द्र मीना, शैलेन्द्र जोशी, जिला कलक्टर एमएस खान आदि आए थे। शर्माका मानना हैकि अब नियम बनने से छात्रसंघ चुनावों में सुधार हुआ है। शैक्षणिक माहौल भी सुधरा है।