scriptबाल विवाह रोकने में प्रशासन बरत रहा है लापरवाही | The administration is acting negligently to stop child marriage | Patrika News

बाल विवाह रोकने में प्रशासन बरत रहा है लापरवाही

locationदौसाPublished: Apr 16, 2018 08:35:34 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

ताक में आदेश, नहीं लिखी जा रही वर-वधू की जन्मतिथि

BAL VIVAH
दौसा. बाल विवाह रोकने के लिए गत वर्षों प्रशासन ने निमंत्रण पत्र प्रिंट करने वाले प्रेस संचालकों को वर-वधू की जन्म तारीख अंकित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब ढिलाई के चलते निमंत्रण-पत्रों पर वर-वधू की जन्मतिथि अंकित होना प्राय: बंद ही हो गया। यही नहीं प्रशासन का बाल विवाह रोकने के लिए आखातीज सहित एकाध चुनिंदा सावों के अलावा अन्य दिनों होने वाले विवाह समारोह पर भी कोई ध्यान नहीं है।
उपखण्ड मुख्यालय से लेकर गांव में काम करने वाली सरकारी मशीनरी भी बाल विवाह की सूचना जिला प्रशासन तक नहीं पहुंचा रही है। यही कारण है कि अभी तक बाल विवाह पर पूर्ण रूप से रोक नहीं लग पाई है। अभी भी चोरी-छिपे बाल विवाह हो रहे हैं।

जिला कलक्टर ने दिए थे आदेश

तत्कालीन जिला कलक्टर आर.एस जाखड़ ने बाल विवाह रोकने के लिए जिले के प्रेस संचालकों को निमंत्रण-पत्र में वर-वधू की जन्मतिथि अंकित करने के आदेश दिए थे। इस पर प्रेस संचालकों ने एक-दो वर्ष तो निमंत्रण पत्रों पर वर-वधू की जन्मतिथि अंकित की, बाद में ध्यान नहीं दिए जाने से प्रेस संचालकों ने जन्मतिथि अंकित करना बंद कर दिया। प्रशासन ने भले ही जिला स्तर के अधिकारी, उपखण्ड अधिकारी, पुलिस थाना अधिकारियों से लेकर गांव में कार्यरत सरकारी मशीनरी पटवारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगिनी को बाल विवाह की सूचना देने के लिए पाबंद कर रखा है, लेकिन बाल विवाह रुकवाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए हैं।

कहां होती है नियमों से कार्रवाई


कहने को तो प्रशासन ढोल पीट कर दावा करता है कि बाल विवाह में शामिल हर किसी पर कार्रवाई होती है चाहे वह हलवाई हो या फिर टैंटवाला। यहां तक की शादी में शरीक होने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई होती है, लेकिन दौसा जिले में तो अभी तक पिछले कई वर्षों में कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिवाय परिजनों को पाबंद जरूर कर दिया जाता है।

फिर दूसरी जगह होते हैं फेरे

गांवों में आज भी बाल विवाह में कमी नहीं आई है। गांवों में यदि शिकायत हो भी जाती है तो ग्रामीण मण्डप में दूल्हा-दुल्हन के फेरे नहीं कराकर जंगलों या फिर दूसरे ऐसे स्थान पर फेरों की रस्म अदा करा देते हैं। चुनींदा सावों पर सतर्क रहता है प्रशासन : बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन सिर्फ आखातीज, पीपल पूर्णिमा व रामनवमी समेत कुछ ही चुनींदा सावों पर ही ध्यान देता है अन्य सावों पर प्रशासन कोई ध्यान नहीं देता है।
बाल विवाह रोकने के लिए जिले के सभी उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार से लेकर गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित सभी कर्मचारियों को अपने ड्यूटी वाले इलाकों में बाल विवाह की सूचना देने के निर्देश दे दिए हैं। प्रेस संचालकों को भी निमंत्रण-पत्रोंं पर जन्मतिथि लिखने के निर्देश दे रखे हैं। यदि प्रेस संचालक ऐसा नहीं कर रहे हैं तो उनके खिलाफ भी कारवाई की जाएगी। बाल विवाह को रोकथाम में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नरेश कुमार शर्मा, जिला कलक्टर दौसा।

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