घटना की भनक थाना पुलिस को लगी तो परिजनों को साथ में वाहन में ही बैठाकर घटना स्थल पहुंच गई और मामले की जानकारी में जुट गई। पुलिस ने मौके की नजाकत को देखते हुए आनन-फानन में शव को वाहन में रखकर पोस्टमार्टम के लिए राजकीय चिकित्सालय बांदीकुई पहुंचाया। जहां मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराकर शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
पुरानी तहसील ब्राह्मण धर्मशाला के सामने एक ही परिवार के लोगों के बीच विवाद हो गया। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंच परिवार के सदस्य व युवती के पिता राजेन्द्र सोनी, भाई पारस सोनी व अर्जुन सोनी को पूछताछ के लिए थाने ले गई। वहीं युवती प्रीति सोनी (18) पुत्री राजेन्द्र सोनी को भी पुलिस के पकड़े जाने का डर सताए हुए था।
इस पर युवती ने पुलिस के जाने के बाद मां को छत से नीचे भेज दिया और कमरे में चुन्नी से फंदा लगाकर इहलीला समाप्त कर ली। इसी बीच पुलिस को घटना की भनक लगी तो तीनों परिजनों को घर भेज दिया। शव को नीचे उतारकर बांदीकुई चिकित्सालय पहुंचाया।
परिजनों ने लगाया पुलिस पर आरोप
मृतका के भाई अर्जुन सोनी सहित अन्य ने थाना पुलिस पर परेशान किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि आपसी कहासुनी हुई थी, लेकिन पुलिस ने थाने में ले जाकर बैठा दिया। इससे आहत होकर उसकी ***** ने आत्महत्या की है। इसको लेकर घटना स्थल पर जमा भीड़ ने भी पुलिस के समक्ष विरोध भी जताया। इधर परिजनों के रोने-चिल्लाने से मोहल्ले में माहौल गमगीन हो गया। हर कोई पीडि़त परिवार को ढांढ़स बंधाते दिखाई दिया।
सीएचसी में पोस्टमार्टम सुविधा नहीं
कस्बे में सामुदायकि स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। यहां पर तीन चिकित्सक कार्यरत हैं, लेकिन इसके बाद भी पोस्टमार्टम की सुविधा नहीं होने से शव को बांदीकुई भेजना पड़ता है। जबकि अलवर-सिकंदरा मेगा हाइवे पर आए दिन दुर्घटनाएं होती है, लेकिन हादसे में मौत होने पर बसवा थाना पुलिस को शव बांदीकुई लेकर जाना पड़ता है।
दोनों मामला दर्ज कराने पक्ष आए थे
थानाधिकारी दामोदर ने बताया कि गत पांच दिन से परिवार के लोगों में विवाद चल रहा था। एक तरफ से मंजू व दूसरी तरफ से राजेन्द्र सोनी मामला दर्ज कराने स्वयं आए थे। पुलिस पकड़कर नहीं लाई थी। प्रथम दृष्ट्या गृह कलेश से तंग आकर युवती द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पुलिस पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद एवं झूठे हैं।