सोमवार सुबह कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने खाली प्लाट में जमा सामान को खंगाला तो वहां कट्टों में ढके गोवंश की हड्डियां व कंकाल मिले। इसके बाद ग्रामीणों का रोष फूट पड़ा और वहां मौजूद एक जने को पकड़ लिया और लालसोट थाना पुलिस को दी। थाना प्रभारी करणसिंह भी जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हे कट्टों से गोवंश की हड्डियां व कंकाल दिखाते हुए आरोप लगाया कियहां कुछ बाहरी लोग गौ मांस खाने के लिए गौ वंश को मारने के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की।
पुलिस मौके पर मिल एक जने को पूछताछ के लिए लालसोट थाने भी ले आई। कुछ देर बाद मौके पर लालसोट सीओ मनराज मीना भी मौके पर पहुंचे और उन्होंंने भी हालात का जायजा लिया। लालसोट थाना प्रभारी करणसिंह ने पत्रकारों को बताया कि क्षेत्र में मृत जानवरों की हड्डियां जमा करने वाले ठेकेदार ने कुछ मजदूरों को लगा रखा है, ये हड्डियां व कंकाल जंगल से एकत्र करते है। मौके से मिले एक जना 15 साल से यही रह रहा है। अभी इसका ठेकदार बंगाल गया है। गौ मांस के बारे में ओराप झूठे है कोई सबूत भी नहीं मिले हैं।पूछताछ जारी है। फर्जी राशन कैसे बना इसकी जांच की जाएगी। (नि.प्र.)
गौ सेवा समिति ने दिया ज्ञापन
मामले की जानकारी मिलने पर विभिन्न गौ सेवा संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता भी लालसोट थाने पर पहुंच गए। उन्होंने भूतेश्वर गोसेवा समिति के तत्वावधान मेेंं लालसोट थाना प्रभारी को एक ज्ञापन दे कर मामले की जांच व लालसोट में मांस विक्रेताओं की दुकानोंं की जांच व उचित कार्यवाही की मांग की। इस दौरान समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा, अभिषेक शर्मा, जगदीश सैनी, मेघराज साहू, अक्षित जांगिड, अंशुल सोनी, रवि मालनियां, आशीष एवं भानू समेत कई जने भी मौजूद थे।
आधार कार्ड पं. बंगाल का, राशन कार्ड डिडवाना का
पुलिस के पास कई दस्तावेज भी मिले है। उसके पास मिले आधार कार्ड पर मुर्शिदाबाद जिले के निवासी का निवासी बताया है और नाम नांटू शेख बताया है। जबकि इसके पास एक राशन कार्ड भी मिला है। जिसमें उसे डिडवाना गांव के रीको एरिया का निवासी बताया जा रहा है, और इसमे में नाम नांटू शेख ही बताया है। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि आखिरकार आधार कार्ड पं. बंगाल का होने के बाद भी कैसे उसने डिडवाना ग्राम पंचायत का स्वयं को निवासी साबित करते हुए राशन कार्ड बना लिया। (नि.प्र.)