The village government is unable to do even on Diwali…. बजट पर कुण्डली जमाए बैठी हैं पंचायतें
भले ही सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिए जाने के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही हो, लेकिन ग्राम पंचायत सौर ऊर्जा (सोलर लाइट) लाइट की मरम्मत कराए जाने में पूरी तरह असफल साबित हो रही है। जबकि अधिकांश ग्राम पंचायतों के खातों में 8 से 50 लाख रुपए तक की राशि जमा है, लेकिन गांव की सरकार इस बजट पर कुण्डली जमाए बैठी हुई है। इससे ग्राम पंचायत मुख्यालय एवं गांव-ढाणियों को जाने वाले प्रमुख मार्गो पर शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। इससे ग्रामीणों ने पंचायत प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है।
शाम होते ही गांव में अंधेरा छा जाता है। रास्ते ऊबड़-खाबड़ होने से लोगों के ठोकर खाकर चोटिल होने का तक अंदेशा बना रहता है।
The village government is unable to do even on Diwali…. सामान ही हो चुका है गायब
जिन ग्राम पंचायतों में सौलर लाइट लगाई गई हैं। उनमें से कुछ के पैनल चोरी हो चुके हैं तो कुछ की प्लेट व लाइट ही मौके से सार-संभाल के अभाव में गायब हो चुकी हैं। ग्राम पंचायत गुल्लाना ,बसवा, ऐंचेड़ी व दिलावरपुरा में तों कई लाइटों की प्लेट एवं सामान पार तक हो चुका है। यहीं हाल गुल्लाना, ऐंचेड़ी, मुही, बडियाल खुर्द, बिवाई, कौलाना सहित अन्य पंचायतों का भी है, लेकिन पंचायत प्रशासन लगवाने के बाद सौलर लाइटों को भूल ही गया।
पंचायतों के खाते में आती है राशि
The village government is unable to do even on Diwali…. पहले पंचायत समिति की ओर से ग्राम पंचायतों का बजट आवंटित किया जाता था। अब राशि सीधे पंचायतों के खाते ंमें आती है। खराब पड़ी लाइटों की ग्राम पंचायत स्वयं के स्तर पर अपने कोष में जमा राशि व निजी आय से मरम्मत करा सकती है। यदि सौलर लाइटें खराब हैं तो ग्राम विकास अधिकारियों से बात कर मरम्मत कराने का प्रयास किया जाएगा।- मोहनसिंह फौजदार, विकास अधिकारी बांदीकुई