विशिष्ट लोक अभियोजक सुनील सैनी ने बताया कि आरोपी गीजगढ़ निवासी पूनीराम उर्फ पून्या सैनी सिकंदरा कस्बे में पानी से भरी बोतल बेचता था। 13 नवम्बर 2019 को सिकंदरा के समीप एक ढाणी में अपने परिजनों के साथ रिश्तेदार के शादी में आई सात वर्षीय नाबालिग को आरोपी पूनीराम टॉफी व 10 रुपए देने का प्रलोभन देकर कच्चे रास्ते में ले गया और बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया। पता लगने पर परिजनों ने बालिका को बांदीकुई अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से गम्भीरावस्था में जयपुर रैफर कर दिया था।
बांदीकुई पुलिस थाने में परिजनों ने जीरो नम्बर की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बाद में मामला सिकंदरा पुलिस थाने में आया। पुलिस ने आरोपी को जोधपुर से गिरफ्तार कर लिया तथा गत 7 जनवरी को न्यायालय में आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया। 18 जनवरी से कोर्ट में निरन्तर सुनवाई चली। विशिष्ट लोक अभियोजक ने इस मामले में 20 गवाह व 33 दस्तावेज पेश किए। पीडि़ता की ओर से एडवोकेट डीपी सैनी ने भी पैरवी की थी तथा न्यायालय से आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की थी। न्यायालय ने आरोपी को अंतिम श्वास तक जेल में रहने व 3 लाख रुपए के अर्थदण्ड की राशि देने का फैसला सुनाया है। अर्थदण्ड की राशि पीडि़ता को प्रतिकार के रूप में देने के भी आदेश दिए। इधर, परिवादी के अधिवक्ता ने बताया कि वे परिजनों की सहमति से उच्च न्यायालय में आरोपी को फांसी दिलाने की अपील करेंगे।
बालिका घटना के बाद से ही सहमी हुई थी। वह घटना के बाद से ही स्कूल व बाहर भी नहीं निकल रही थी। चार पांच दिन से ही वह स्कूल जाने लगी है। अब सहज हुई है।