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बालिका से बलात्कार के आरोपी को तेरह दिन में आजीवन कारावास

locationदौसाPublished: Feb 01, 2020 08:57:23 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

Thirteen days life imprisonment for rape of girl child: न्यायाधीश ने फैसले में की टिप्पणी-विकृत प्रकृति के अपराध में कठोर सजा जरूरी

बालिका से बलात्कार के आरोपी को तेरह दिन में आजीवन कारावास

बालिका से बलात्कार के आरोपी को तेरह दिन में आजीवन कारावास

दौसा. पोक्सो कोर्ट दौसा की न्यायाधीश आरती भारद्वाज ने सात वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ बलात्कार के मामले में सुनवाई के 13 दिन के अन्दर ही आरोपी को अंतिम श्वास तक जेल में रखने व तीन लाख रुपए के अर्थदण्ड की सजा का फैसला दिया है। सजा के दौरान न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि आरोपी एक विकृत मानसिकता का व्यक्ति है। उसकी मंशा व अपराध भी विकृत प्रकृति का है। अपराध की गंभीरता को देखते हुए यदि ऐसे मामले में सजा के रुख में नरमी बरती जाएगी तो सम्पूर्ण समाज में गलत संदेश जाएगा। ऐसे में आरोपी को कठोर सजा देना जरूरी है।
Thirteen days life imprisonment for rape of girl child


विशिष्ट लोक अभियोजक सुनील सैनी ने बताया कि आरोपी गीजगढ़ निवासी पूनीराम उर्फ पून्या सैनी सिकंदरा कस्बे में पानी से भरी बोतल बेचता था। 13 नवम्बर 2019 को सिकंदरा के समीप एक ढाणी में अपने परिजनों के साथ रिश्तेदार के शादी में आई सात वर्षीय नाबालिग को आरोपी पूनीराम टॉफी व 10 रुपए देने का प्रलोभन देकर कच्चे रास्ते में ले गया और बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया। पता लगने पर परिजनों ने बालिका को बांदीकुई अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से गम्भीरावस्था में जयपुर रैफर कर दिया था।

बांदीकुई पुलिस थाने में परिजनों ने जीरो नम्बर की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बाद में मामला सिकंदरा पुलिस थाने में आया। पुलिस ने आरोपी को जोधपुर से गिरफ्तार कर लिया तथा गत 7 जनवरी को न्यायालय में आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया। 18 जनवरी से कोर्ट में निरन्तर सुनवाई चली। विशिष्ट लोक अभियोजक ने इस मामले में 20 गवाह व 33 दस्तावेज पेश किए। पीडि़ता की ओर से एडवोकेट डीपी सैनी ने भी पैरवी की थी तथा न्यायालय से आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की थी। न्यायालय ने आरोपी को अंतिम श्वास तक जेल में रहने व 3 लाख रुपए के अर्थदण्ड की राशि देने का फैसला सुनाया है। अर्थदण्ड की राशि पीडि़ता को प्रतिकार के रूप में देने के भी आदेश दिए। इधर, परिवादी के अधिवक्ता ने बताया कि वे परिजनों की सहमति से उच्च न्यायालय में आरोपी को फांसी दिलाने की अपील करेंगे।
घटना के बाद से बालिका नहीं जा रही थी स्कूल


बालिका घटना के बाद से ही सहमी हुई थी। वह घटना के बाद से ही स्कूल व बाहर भी नहीं निकल रही थी। चार पांच दिन से ही वह स्कूल जाने लगी है। अब सहज हुई है।
Thirteen days life imprisonment for rape of girl child

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