गर्मी के तेवर तेज होने के साथ ही लोगों के खान पान में भी बदलाव आ गया है। बाजार में भी गर्मी से राहत देने वाले उत्पादों की भरमार नजर आने लगी है। अभी गर्मी से राहत के लिए शहर के विभिन्न चौराहों पर जूस पार्लस खुल चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा गन्ना रस के पार्लर नजर आ रहे हैं। शहरवासी गर्मी से राहत के लिए सबसे ज्यादा गन्ना रस का ही उपयोग कर रहे हैं। गर्मी ने इस बार मार्च में ही तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे, इसलिए अभी से तेज गर्मी में होने वाली खपत के बराबर खपत हो रही है।
आंकड़ों में बात – 2.5 से 3 टन तक गन्ने की खपत होती है प्रतिदिन – 60 प्रतिशत तक रस और 40 प्रतिशत बुरादा माना जाता है – शहर में 50 से अधिक ज्यूस की छोटी-बड़ी दुकानें और 15 से अधिक चलित जुगाड़ ये रस बेचते हैं
(गन्ने के होलसेल तीन बड़े व्यापारियों से बात की, कुछ छोटे ज्यूस पार्लर वालों से भी सर्वे किया) पंजाब व नासिक का गन्ना आता है काम व्यापारियों ने बताया कि राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में भी काफी गन्ने की पैदावार होती है। लेकिन, ज्यादातर व्यापारी पंजाब व नासिक का गन्ना ही ज्यूस के लिए काम में लेते हैं। व्यापारियों ने बताया कि मेवाड़ का गन्ना भी जूस के लिए उपयोग में लिया जा सकता है। लेकिन, उसका उतना स्वाद नहीं आता। जितना पंजाब व नासिक के गन्ने में होता है। उन्होंने बताया कि मेवाड के गन्ने का उपयोग ज्यादा गुड़ बनाने के लिए ही किया जाता है।
सेहत के लिए है फायदेमंद डॉक्टर भी गन्ने को सेहत के लिए बेहतर बताते हैं। डॉक्टरों के अनुसार गन्ना डिहाईड्रेशन जैसी स्थिति में तुरंत राहत देता है। गन्ना गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है। यह लीवर को मजबूत बनाता है और पाचनक्रिया भी मजबूत करता है।
व्यापारियों ने बताया इस बार पहले आया सीजन गन्ने के ज्यूस के व्यापारी राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि इस बार मार्च माह की शुरुआत से ही गर्मी ने तेवर दिखाए तो गन्ने का सीजन शुरू हो गया। व्यापारी ओमप्रकाश बताते हैं कि अन्य फलों के रस की अपेक्षा गन्ने का रस लोगों को अधिक पसंद है। ज्यूस पार्लर चलाने वाले अमराराम और जयराम ने भी कुछ इसी तरह की बात कही।