इसमें भी आगरा फाटक अब लोगों के लिए नासूर बनता जा रहा है। यहां प्रत्येक मंगलवार को सेल लगाई जाती है। ऐसे में सडक़ पर जगह की कमी अखरती है। बीच सडक़ पर डिवाइडर के रूप में रैलिंग लगी हुई है।
जबकि दोनों ओर फुटपाथ पर सेल का सामान रख दिया जाता है। ऐसे में वाहनों का दबाव अधिक होने पर आड़े तिरछे फंस जाने से दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। आगरा फाटक से चार मार्ग जुड़े हुए हैं।
फाटक बंद होने व खुलने पर वाहनों की लम्बी कतार लग जाती है। यही हाल शहर के गुढ़ारोड स्थित दिल्ली फाटक का है। फाटक बार-बार बंद होने व खुलने से भी यातायात व्यवस्था बाधित हुई। हालांकि दीपावली त्योहार को देखते हुए पालिका की ओर से तीन दिन अस्थाई अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान भी चलाया गया, लेकिन अभियान भी Traffic system crumbling, day-long jam situation… कागजी खानापूर्ति बनकर सिमट गया।
यदि यही हाल रहा तो दीपावली पर लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ेगी। पालिका प्रशासन को सेल लगाए जाने के लिए अलग से हॉट बाजार के लिए जगह चिन्हित करनी चाहिए। इससे यातायात व्यवस्था में स्थाई रूप से सुधार हो सके।
गुढ़लिया-अरनिया. अरनिया से कीरतपुरा बंजारा ढाणी तक मिसिंग लिंक योजनान्तर्गत सडक़ निर्माण के लिए करीब एक वर्ष पहले शिलान्यास तो कर दिया गया, लेकिन इसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग सडक़ निर्माण कराना ही भूल गया। ऐसे में शिलान्यास के लिए लगाई गई शिलापट्टिका गांव की शोभा बढ़ा रही है। सडक़ निर्माण कार्य शुरू कराए जाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने मंगलवार को सार्वजनिक निर्माण विभाग के खिलाफ नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। सूत्रों के अनुसार इस सडक़ निर्माण कार्य के लिए करीब 50 लाख रुपए स्वीकृत हुए।इसी कड़ी में 2 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन विधायक डॉ.अल्कासिंह ने सडक़ का शिलान्यास भी कर दिया, लेकिन इसके बाद से आज तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ।
जबकि शिलान्यास हुए करीब एक वर्ष बीत गया। यह सडक़ मार्ग कीरतपुरा झोल, बंजारा ढाणी एवं अरनिया ग्राम पंचायत मुख्यालय से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा आस-पास की करीब दर्जनभर ढाणी व गांव भी जुड़े हुए हैं, लेकिन इसके बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है। इससे लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि जब सडक़ का शिलान्यास हुआ था तो लोगों को उम्मीद जगी थी कि सडक़ निर्माण होने से आवागमन की समुचित सुविधा मुहैया हो सकेगी, लेकिन अब सडक़ निर्माण की उम्मीद भी टूटती जा रही है। ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को होती है। इस मार्ग पर करीब 15 वर्ष पहले ग्रेवल सडक़ का निर्माण किया गया था। जो कि कई जगह से क्षतिग्रस्त हो जाने से गड्ढे हो गए हैं। ऐसे में बारिश के दिनों में पानी भराव हो जाने से खासी परेशानी झेलनी पड़ती है। ग्रामीणों ने बताया कि यदि समय रहते प्रशासन की ओर से सडक़ निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया तो आमजन को एकजुट होकर आन्दोलन पर उतारू होना पड़ेगा। इस मौके पर गिर्राजप्रसाद बंजारा, बाबूलाल बंजारा, हरिओम बंजारा, धापा देवी, भूरी देवी, मन्नी देवी, फूला देवी एवं हरवती सहित अन्य ग्रामीणों ने भी विरोध जताया।