जानकारी के अनुसार सुबह करीब 6 बजे सभी कैदियों ने चाय और नाश्त साथ लिया। इसके बाद सभी कैदी नहाने-धोने की तैयारी में जुट गए।। इसी बीच बसवा बिजली निगम कार्यालय में हुई लूट की घटना में बंद विचाराधीन कैदी इरसाद पुत्र मगरु व शाबिर पुत्र मुस्ताक निवासी नुहू मेवात ने कम्बल व चादर को फाडक़र रस्सी बनाई। इसके बाद रस्सी में तार का कुंदा लगाकर करीब २५ फिट ऊंची दीवार पर लगे ऐंगिलों में अटका दिया और रस्सी के सहारे दीवार पर चढ़ गए।
जहां से दीवार के दूसरी ओर ही रस्सी के सहारे उतर गए। इसके बाद समीप ही स्थित दूसरी करीब 25 फिट ऊंची दीवार को कूदकर फरार हो गए। बताया जा रहा है कैदियों को लेने के लिए कोई वाहन भी आया था। ऐसे में दीवार से कूदकर दोनों कैदी वाहन में बैठकर फरार हो गए। इससे प्रतीत होता है कि कैदियों द्वारा पहले से ही भागने की साजिश रची गई थी। हालांकि मामले की जांच पूरी होने पर ही घटना की वास्तविक हकीकत सामने आएगी।
कैदियों की तलाश में पुलिस ने जगह-जगह नाकाबंदी कराकर वाहनों की भी जांच की, लेकिन शाम तक फरार हुए कैदियों का कोई सुराग नहीं लगा। वहीं डॉग स्क्वायड़ की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाने का प्रयास भी किया, लेकिन धूप तेज के कारण कैदियों की गंध नहीं मिलने से डॉग स्क्वायड़ को भी बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी।
बसवा पुलिस ने किए थे गिरफ्तार
बसवा थाना प्रभारी जहीर अब्बास ने बताया कि 14 नवम्बर2017 में बसवा में कर्मचारियों को बंधकर बनाकर ट्रांसफार्मर लूट की घटना हुई थी। इस मामले में इरसाद को 27 नवम्बर 2017 को गिरफ्तार किया गया। जहां से 8 दिसम्बर 2017 को जेल भेज दिया। जबकि इसी मामले में दूसरे साथी शाबिर को 14 जनवरी को गिरफ्तार कर 18 जनवरी को जेल भेज दिया। दोनेां ही आरोपित आदतन अपराधी हैं और इनके खिलाफ कई थानों में मामले दर्ज हैं।
बसवा थाना प्रभारी जहीर अब्बास ने बताया कि 14 नवम्बर2017 में बसवा में कर्मचारियों को बंधकर बनाकर ट्रांसफार्मर लूट की घटना हुई थी। इस मामले में इरसाद को 27 नवम्बर 2017 को गिरफ्तार किया गया। जहां से 8 दिसम्बर 2017 को जेल भेज दिया। जबकि इसी मामले में दूसरे साथी शाबिर को 14 जनवरी को गिरफ्तार कर 18 जनवरी को जेल भेज दिया। दोनेां ही आरोपित आदतन अपराधी हैं और इनके खिलाफ कई थानों में मामले दर्ज हैं।