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कलश यात्रा निकाली

locationदौसाPublished: Mar 24, 2019 12:13:24 pm

Submitted by:

Rajendra Jain

गोपालजी मंदिर का वार्षिकोत्सव

कलश यात्रा निकाली

कलश यात्रा निकाली

लवाण. कस्बे के समीप देवरी गांव में गोपालजी मंदिर के वार्षिकोत्सव पर शनिवार को खानपुरा के बालाजी मन्दिर से महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। जगह-जगह कलश यात्रा का स्वागत किया गया। बैण्ड बाजे की धुन पर महिलाएं नाचती हुई चल रहे थी, वहीं पुरुष श्रद्धालु भी अलग टोली बनाकर भजन गाते व गुलाल उड़ाते आगे बढ़ रहे थे। आगे आगे बच्चे हाथो में ध्वज लेकर चल रहे थे। मंदिर पहुंचने पर भण्डारे का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों लोगों ने पंगत लगाकर प्रसादी ग्रहण की।


कथा की शुरुआत
दौसा. ग्राम हिन्दूपुरा में ठाकुरजी महाराज के श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ की शुरुआत कलशयात्रा के साथ हुई। यात्रा ग्राम के प्रमुख मार्गों से होते हुए कार्यक्रम स्थल पहुंची। महिलाएं सिर पर मंगल कलश रखकर एवं पुरुष श्रद्धालु जयघोष लगाते हुए चल रहे थे। यात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। इससे समूचा वातावरण भक्तिमय हो गया। कथावाचक पं. महेश शास्त्री ने कहा कि भागवत के श्रवण से भक्ति, ज्ञान एव वैराग्य की प्राप्ति होती है। इस मौके पर श्रीकिशन, कजोड़, बंशीधर, ईश्वरलाल, मूलचन्द, दयाराम, बृजमोहन आदि मौजूद थे। (दौसा ग्रामीण)
फागोत्सव मनाया
महुवा. तहसील रोड स्थित नवनिर्मित कल्याणजी मंदिर पर फागोत्सव मनाया गया। भजनों पर महिलाओं ने नृत्य किया एवं फूलों से होली खेली गई। इस दौरान मंदिर को रोशनी से सजाया गया। सतीश टुडियाना, रामचरण शर्मा, दयाकांत शर्मा, कन्हैयालाल, सतीश ठिकरिया आदि मौजूद थे। (महुवा ग्रामीण)
होली मिलन समारोह मनाया
महुवा. अग्रवाल धर्मशाला में अग्रवाल समाज का होली मिलन समारोह हुआ। भक्ति संगीत के साथ फूलों से होली खेली गयी। इस दौरान ओमप्रकाश गहनौली, जिलाध्यक्ष कृष्णा मित्तल, महामंत्री बनवारी खेडला, किशोर टुडियाना, दामोदर, मोहन बजाज, देवव्रत, प्रहलाद गोयल, दिनेश, विमल आदि मौजूद थे। (महुवा ग्रामीण)
गणगौर पूजा शुरू
सिकराय. सुहागिनों का त्योहार गणगौर पर्व शुरू हो चुका है। सुख, सौभाग्य व श्रेष्ठ वर की कामना के साथ कुंवारी लड़कियां नवविवाहिताओ और महिलाओं ने धुलंडी के दिन से ही होली की राख से 16 गणगौर बनाकर पूजा प्रारंभ कर दी। गणगौर की पूजा के लिए महिलाएं बगीचों से मंगल गीत गाते हुए दूब और पानी लेकर आती हैं।पंडित ओमप्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि गणगौर पर्व पर परंपरागत गीतों के साथ ही ईसर और पार्वती का पूजन किया जाता है आठवें दिन मिट्टी से बड़ी गणगौर माता बनाई जाती है। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से चैत्र शुक्ल तृतीय तक 16 दिन तक चलने वाले इस पर्व में कुंवारी लड़कियां जहां गाने यानी शिव तथा गोरियानी पार्वती से मनपसंद वर पाने की कामना करती है, वहीं विवाहित महिलाएं सुहाग की सलामती के लिए पूजन करती हैं।
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