Victims of cancer battling between life and death….उन्होंने बताया कि उसके पिता जगदीश मीणा 15 वर्ष पहले जयपुर में मजदूरी करने के लिए गया था। जहां करीब 15 साल पहले करंट लगने से झुलस गया और काम करने में असक्षम हो गया। बाद में मां प्रेमदेवी खेती व मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करती थी। अब वह भी कैंसर से ग्रसित हो गई।
उपचार कराने के लिए रुपए नहीं हैं। तीन बहिनों की एक साथ शादी करने से पहले ही कर्ज में डूब गए। ऐसे में भगवान भरोसे हैं। उपचार के लिए भी दर-दर भटक रहे हैं। अलवर व दौसा जिले की सीमा पर स्थित होने के कारण कोई सुनने वाला नहीं है।
Victims of cancer battling between life and death…. हालात ने छुड़वाई पढ़ाई
राहुल कुमार ने बताया कि घर के हालात बिगड़ते देख व आर्थिक तंगी से जूझने पर मजबूरन पांचवीं कक्षा में बीच में ही पढ़ाई छोडऩी पड़ी। अब परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी उसके कंधों पर आ गई। ऐसे में होटल व ढाबों पर मजदूरी करता है। इससे होने वाली आय से मां-बाप एवं छोटे भाई का पालन-पोषण कर रहा है। छोटा भाई मनीष आठवीं कक्षा में पढ़ता हैं, लेकिन घर के हालात ऐसे हो गए हैं कि अब वह भी पढ़ाई छोडऩे को मजबूर है।
Victims of cancer battling between life and death…. बक्से में रखना पड़ता है भोजन
मां प्रेमदेवी ने बताया कि एक छप्परपोश घर है। इसमें ही एक लोहे का बक्सा रख रखा है। इसमें ही राशन सामग्री रखते हैं। बारिश होने पर राशन सामग्री भीग जाती है। घर में बिजली कनेक्शन नहीं हैं। ऐसे में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। गर्मी के दिनों में तो हाल-बेहाल हो जाता है। सरकार की ओर से भी कोई आवास की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है। मात्र खाद्य सुरक्षा योजना में राशन सामग्री मिलती है। वृद्धावस्था पेंशन भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है कि इससे कुछ सहारा लग जाए। पिता जगदीश का कहना है कि एक बीघा जमीन है, लेकिन बंजर होने के कारण सूखी पड़ी रहती है।
Victims of cancer battling between life and death… पहले राम तो अब रूठ गया राज
पहले तो राम रूठ गया अब राज भी रूठ गया है। पिता के करंट लगने से काम करने में असक्षम होने एवं बाद में मां के कैंसर हो गया। सरकार से कुछ उम्मीद थी, लेकिन उन्हें अभी तक सरकार की ओर से कोई सम्बलन नहीं मिला है। जबकि पीडि़त परिवार कई बार अटल सेवा केन्द्र पहुंच ग्राम पंचायत प्रशासन के समक्ष गुहार लगा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कैंसर से पीडि़त मां का उपचार भी नहीं होने से दोनों पुत्र मां-बाप की स्थिति देख रो पड़ते हैं।
Victims of cancer battling between life and death… जांच कर की जाएगी कार्रवाई
मामला जानकारी में नहीं है। यदि ऐसा है तो ग्राम विकास अधिकारी एवं सरपंच से जानकारी कर कार्रवाई की जाएगी। यदि आवास नहीं है और वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर हैं तो सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कराने का प्रयास कियाजाएगा। -मोहनसिंह फौजदार, विकास अधिकारी पंचायत समिति बांदीकुई