Villagers expressed opposition to drinking water problem जलदाय विभाग द्वारा बिछाई गई पाइप लाइन में अवैध कनेक्शनों के चलते पिछले क्षोर तक पानी नहीं पहुंच पाता है। वहीं जलदाय विभाग की मोटरें अधिकांश समय खराब पड़ी रहती है। जिसके चलते लोगों को मजबूरन टैंकरों से खरीद कर पानी पीना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा कस्बे में एक उच्च जलाशय बनाया गया है, लेकिन उसे पुरानी पाइप लाइन से जोड़ा गया है, जो जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा पूर्व में विभाग को ओपन दूसरी पाइप लाइन डालने का प्रस्ताव लेकर जलदाय विभाग के मंत्री को भिजवाया गया था। जिससे अवैध कनेक्शन नहीं हो और लोगों तक घरों में पानी पहुंच सके, लेकिन जलदाय विभाग द्वारा अभी तक इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया है। जिसके चलते कस्बे में पेयजल समस्या बनी हुई है।
Villagers expressed opposition to drinking water problem एक परिवार के पांच सदस्य कोरोना संक्रमितों की सेवा कर निभा रहे हैं अपनी भागीदारी
महुवा. कोरोना महामारी ने जहां अपनों को ही एक दूसरे से पराया कर दिया है, लोग अपनों से ही मिलने से कतरा रहे हैं। वहीं महुवा के बाड़ा बुजुर्ग निवासी एक परिवार के पांच सदस्य पिछले दो महीनों से कोरोनावायरस पीडि़तों की सेवा कर स‘चे कर्मवीर की भूमिका निभा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बाड़ा बुजुर्ग निवासी नाहर सिंह मीणा जो एक व्याख्याता है और टोडाभीम के अजीजपुर गांव में कार्यरत है। जहां पर पिछले दो महीने से कोरोना की जंग में निरंतर अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। वहीं उनके बेटे देवेश, धर्मेंद्र तथा पुत्रवधू पिंकी मीणा जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में नर्सिंगकर्मी के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। वहीं दूसरी पुत्र उषा मीना महिला चिकित्सालय में निरंतर अपनी सेवाएं देकर स‘चे कर्मवीर की भूमिका निभा रही है। इस तरह एक ही परिवार के पांच सदस्य कोरोना महामारी में एक दूसरे से दूर रहकर निरंतर लोगों को अपनी सेवाएं दे रही हैं।
महुवा. कोरोना महामारी ने जहां अपनों को ही एक दूसरे से पराया कर दिया है, लोग अपनों से ही मिलने से कतरा रहे हैं। वहीं महुवा के बाड़ा बुजुर्ग निवासी एक परिवार के पांच सदस्य पिछले दो महीनों से कोरोनावायरस पीडि़तों की सेवा कर स‘चे कर्मवीर की भूमिका निभा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बाड़ा बुजुर्ग निवासी नाहर सिंह मीणा जो एक व्याख्याता है और टोडाभीम के अजीजपुर गांव में कार्यरत है। जहां पर पिछले दो महीने से कोरोना की जंग में निरंतर अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। वहीं उनके बेटे देवेश, धर्मेंद्र तथा पुत्रवधू पिंकी मीणा जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में नर्सिंगकर्मी के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। वहीं दूसरी पुत्र उषा मीना महिला चिकित्सालय में निरंतर अपनी सेवाएं देकर स‘चे कर्मवीर की भूमिका निभा रही है। इस तरह एक ही परिवार के पांच सदस्य कोरोना महामारी में एक दूसरे से दूर रहकर निरंतर लोगों को अपनी सेवाएं दे रही हैं।