दौसा

पेयजल समस्या पर ग्रामीणों ने खाली बर्तन लेकर जताया विरोध

Villagers protest against drinking water problem by taking empty utens….-मवेशियों के लिए भी पानी का संकट

दौसाJan 20, 2020 / 03:22 pm

Rajendra Jain

गुढ़लिया के तिगडडा की दमगिरा की ढाणी में पानी की समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन करते ग्रामीण

गुढ़लिया-अरनिया. ग्राम पंचायत कोलवा के तिगडडा के दमगिरा की ढाणी में पानी की समस्या लोगों के लिए नासूर बनती जा रही है। लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। इसको लेकर ग्रामीणों ने हाथों में खाली बर्तन लेकर जलदाय विभाग प्रशासन के खिलाफ नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बताया कि तिगडडा में पानी के लिए हैण्डपम्प लगे हुए थे, लेकिन हैण्डपम्प भूजल स्तर गिर जाने के कारण नकारा हो गए। गांव में कोई सरकारी जल स्त्रौत नहीं है। मजबूरन लोगों को डेढ़ किलोमीटर दूर से पानी लाकर घरेलू काम निपटाने पड़ रहे हैं। वहीं जेब ढीली करके टैंकर मंगवाकर प्यास बुझानी पड़ रही है। कई बार जलदाय विभाग व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को भी सरकारी नलकूप का निर्माण कराए जाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। ग्रामीणों की कोई भी सुनने वाला नहीं है। उन्होंने बताया कि गांव में करीब डेढ़ सौ से अधिक मवेशी हैं, लेकिन इन मवेशियों के लिए भी पानी का संकट बना हुआ है। ऐसे में यदि कार्रवाई नहीं हुई तो आन्दोलन पर उतारू होना पड़ेगा। इस मौके पर प्रमोद कुमार, पतासी देवी, रमेशी देवी, माया देवी, केसंती देवी, बीना देवी, रामोती देवी एवं धापा देवी ने भी खाली बर्तन लेकर विरोध जताया।

चरागाह में पत्थर कारोबार को स्थापित करने का विरोध
दुब्बी. राष्टीय राजमार्ग स्थित रेटा गांव के चरागाह में सिकन्दरा पत्थर कारोबार को स्थापित करने पर ग्रामीणों ने विरोध जताया। रविवार सुबह ग्रामीणों ने बैठक आयोजित कर सिकन्दरा पत्थर कारोबार को स्थापित करने का विरोध जताया। राजू खरवाल ने बताया की रेटा गांव के आस पास के अधिकतर लोग पशुपालन करते हैं। इसके चलते चरागाह भूमि मे पशु चराकर जीवन यापन करते हैं।चरागाह में पत्थर कारोबार स्थापित करने से पशुपालकों के सामने संकट खड़ा हो जाएगा। सावंतराम, महादेव सत्तावन, मदनलाल, कमलेश, लोहड़ीराम ने रेटा की चारागाह भूमि में पत्थर कारोबार स्थापित नहीं करने की मांग की है।

क्षतिग्रस्त सडक़ से परेशानी
बांदीकुई. जयपुरा से गिरधरपुरा-पाडला जाने वाली सडक़ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ग्रेवल सडक़ में आधे से एक फीट गहरे गड्ढे हो रहे हैं। इससे हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। नवसृजित ग्राम पंचायत पाड़ला तक चौपहिया वाहनों से तो पहुंचना तक मुश्किल हो रहा है, लेकिन प्रशासन का सडक़ मरम्मत की ओर कोई ध्यान नहीं है। ऐसे में यदि ग्रेवल पर डामरीकृत सडक़ का निर्माण करा दिया जाए तो कुछ हद तक आवागमन में राहत मिल सकती है। लोगों का कहना है कि जब बाइक से लोग एक गांव से दूसरे गांव जाते हैं तो रोडिय़ों से फिसलकर चोटिल होने का डर सताए रहता है। सडक़ निर्माण के लिए कई बार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। (नि.सं.)

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