water problem, demonstrated with empty vessel ढाणी के लोगों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन एवं कृषि हैं, लेकिन यहां पानी की कोई समुचित सुविधा नहीं है। मात्र जलस्रोत के नाम पर एक हैण्डपम्प लगा हुआ है। जो भी भूजल स्तर गिर जाने के कारण नकारा हो गया है। मजबूरन लोगों को तीन सौ रुपए खर्च करके टैंकर मंगवाकर घरेलू काम निपटाने पड़ रहे हैं। पानी के अभाव में लोगों को मवेशियों को बेचना तक पड़ रहा है। कुछ लोग तो पानी की समस्या से परेशान होकर दूसरे गांवों में जाकर बस चुके हैं। इसको लेकर कई बार विरोध भी दर्ज करा चुके हैं, लेकिन जलदाय विभाग प्रशासन के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही है।
पानी की समस्या के बारे में जलदाय विभाग, उप खण्ड अधिकारी एवं क्षेत्रीय विधायक को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। ग्राम पंचायत प्रशासन को भी एकलबिंद का निर्माण कराने के लिए अवगत करा दिया, लेकिन जन प्रतिनिधियों का भी जनता की समस्या से कोई सरोकार दिखाई नहीं दे रहा है। ज्यादा परेशानी सुबह स्कूली बच्चों को सुबह नहाने-धोने के लिए पानी लाने की होती है।
शौचालयों को भी पानी के अभाव में बंद कर ग्रामीणों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है। इस मौके पर हरिओम बंजारा, बाबूलाल, बदरीप्रसाद, गिर्राजप्रसाद बंजारा, धापादेवी, मन्नी देवी, फूला देवी, रूपंता, हरवती, भूली देवी, चन्द्रो एवं उगंतीदेवी ने भी खाली बर्तन लेकर विरोध जताया।
water problem, demonstrated with empty vessel