दो साल पहले बसवा में लगे थे पोस्टर – दरअसल दो साल पहले दौसा के बसवा में एक बांदीकुई एमएलए अलका गुर्जर को लेकर लगाए गए पोस्टर खासे चर्चा में रहे थे। पोस्टर में लिखा गया था कि बसवा की जनता दस दिन से भी ज्यादा समय से पानी के लिए तरस रही है। जनता की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। इस पर जन संघर्ष समिति बसवा के नाम से बांदीकुई विधायक की तलाश के नाम के पोस्टर बसवा क्षेत्र में लगाए गए थे। उनमें पानी की समस्या का जिक्र भी किया गया था। पोस्टर लगे तो उसके कुछ दिन बाद ही पानी व्यवस्था सही कर दी गई। बांदीकुई वालों ने सोचा इसे अजमाएं, लेकिन अब बात बांदीकुई की, बांदीकुई में भी पिछले कुछ दिनों से पानी की सप्लाई नहीं होने से जनता परेशान थी। इस पर कुछ लोगों ने अपने वाट्सऐप ग्रुप पर दो साल पहले बसवा में लगे पोस्टर शेयर कर दिए। पोस्टर शेयर करने के बाद लिखा गया कि बसवा में भी पानी की समस्या का निराकरण पोस्टर छपने के बाद हुआ था। बांदीकुई में भी इसी तरह से निराकरण होगा क्या, जनता को दस से पंद्रह मिनट ही पानी मिल रहा है, वह भी खारा। अगर विधायक इसी तरह से समस्या का हल चाहती हैं तो एेसा ही सही।
उखड़ गई एमएलए, बीजेपी अध्यक्ष पहुंचे थाने – पिछले दो-तीन दिन से इस तरह से पोस्टर और मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल होने की सूचना जब एमएलए अलका गुर्जर के पास पहुंची तो वे भड़क गई। बताया जा रहा है कि अलका गुर्जर ने इस बारे में भाजपा शहर अध्यक्ष बांदीकुई सुरेन्द्र तिवारी को कहा और फिर तिवारी बांदीकुई थाने पहुंचे। थाने पहुंचने के बाद पांच अलग-अलग ग्रुप एडमिन पर शिकायत दर्ज कराई गई। इनमें पार्षद सुरेन्द्र मीणा, राकेश विजय, मक्खन गुर्जर, किशन सिंह नरुका और
हनुमान भांडेडा शामिल है। हनुमान को छोड़कर चारों एडमिन बीजेपी से ताल्लुक रखते हैं। हनुमान कांग्रेसी कार्यकर्ता हैं।
पुलिस ने सभी को उठाया, थाने पहुंचे तो हाथ जोड़े – इस शिकायत के बाद बांदीकुई एसएचओ ने सभी ग्रुप एडमिन को थाने लाकर पूछताछ की। उधर से बीजेपी के कई अन्य नेता भी थाने पहुंचे। दोनों पक्ष बीजेपी के होने के कारण मामला शांत हुआ। बताया जा रहा है कि पांचों ग्रुप एडमिन ने हाथ जोड़कर माफी मांगी और इस तरह के मैसेज नहीं करने की भी बात कही। उसके बाद जाकर मामला शांत हुआ। बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद पांच में से तीन ग्रुप एडमिन तो ग्रुप से ही रिलिव हो गए हैं।