scriptदुश्मन को मुंह तोड़ जवाब देकर शहीद हो गया गढ़हिम्मतसिंह का सपूत | Witnessing the enemy, the martyrdom of Garhidhasinh's martyr | Patrika News

दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब देकर शहीद हो गया गढ़हिम्मतसिंह का सपूत

locationदौसाPublished: Aug 12, 2018 08:00:49 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

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शहीद रामनिवास मीणा

दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब देकर शहीद हो गया गढ़हिम्मतसिंह का सपूत

महुवा. राजस्थान पत्रिका की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में ‘उन्होंने दिया बलिदान हम बढ़ाएं मानÓ के तहत दौसा जिले के शहीदों की वीर कहानियों को उजागर कर शहादत को नमन किया जाएगा। साथ ही स्वतंत्रता दिवस के मायनों का भी प्रस्तुतिकरण होगा।

उपखण्ड क्षेत्र के गढ़हिम्मतसिंह निवासी बीएसएफ के हैड कांस्टेबल रामनिवास मीणा ने जम्मू कश्मीर में दुश्मनों से लोहा लेते हुए देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान देकर अपने गांव में अपना नाम हमेशा हमेशा के लिए अमर कर लिया।

जानकारी के अनुसार महुवा उपखंड क्षेत्र के गढ़हिम्मतसिंह गांव के किसान परिवार में 2 जुलाई 196 9 को जन्मे रामनिवास मीणा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही प्राप्त की। शिक्षा के दौरान ही उनके मन में देश के लिए कुछ कर गुजरने का जÓबा पनपने लगा। इस पर चलते हुए वे 28 मार्च 198 9 को जोधपुर में सीमा सुरक्षा बल का हिस्सा बने। उन्होंने अपने साहसिक कार्य से देश सेवा करते हुए कई पुरस्कार व प्रमोशन प्राप्त किए।

5 अगस्त 201& को जम्मूकश्मीर के पुंछ सेक्टर के सांभा बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे थे कि अचानक पाकिस्तान की ओर से फायरिंग शुरू हो गई। उन्होंने पाकिस्तान की तरफ से हो रही फायरिंग के जवाब में मोर्चा संभालकर दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दिया। इसी दौरान गोली लगने से वे घायल हो गए। उन्हें एंबुलेंस से दिल्ली के एम्स अस्पताल में लाया गया।
जहां सात दिन तक जिंदगी और मौत से लड़ते हुए उन्होंने 11 अगस्त को अस्पताल में अंतिम सांस ली। जब उनकी पार्थिव देह गांव में लाई गई तो लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। करीब 25 हजार से अधिक लोग शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए एकत्र हुए थे।
रविवार को शहीद की मूर्ति का अनावरण समारोह भी आयोजित किया जा रहा है। शहीद के परिवार में उसकी पत्नी उगन्ती देवी के दो पुत्रियां कांता व रेखा तथा एक पुत्र डार्विन कुमार मीणा है। शहीद के पुत्र ने बताया कि वो भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारतीय सेना में भर्ती होकर देश सेवा करेंगे।
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